scriptBengaluru Stampede: ‘मैं एक करोड़ दूंगा, बेटा वापस करोगे… पानीपूरी बेचने वाले ने सरकार के 10 लाख के मुआवजा पर कही दिल को छलने वाली ये बात | Devaraj N T a pani puri vendor Reacting to the government announcing compensation of Rs 10 lakh in RCB parade Bengaluru Stampede | Patrika News
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Bengaluru Stampede: ‘मैं एक करोड़ दूंगा, बेटा वापस करोगे… पानीपूरी बेचने वाले ने सरकार के 10 लाख के मुआवजा पर कही दिल को छलने वाली ये बात

देवराज ने सरकार द्वारा 10 लाख रुपये के मुआवजे की घोषणा पर भावुक होकर कहा, “मैं 50 लाख… 1 करोड़ रुपये देने को तैयार हूं। क्या इससे मेरा बेटा वापस आ जाएगा?”

भारतJun 05, 2025 / 03:05 pm

Siddharth Rai

इस दर्दनाक हादसे में 11 लोगों की मौत हो गई, जबकि 33 अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए हैं। (Photo – ANI)

RCB parade Bengaluru Stampede: इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) 2025 की विजेता रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (RCB) की ख़िताबी जीत का जश्न उस समय खूनी रंग में बदल गया, जब एम चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर अचानक भगदड़ मच गई। टीम की जीत का जश्न मनाने आए लोग स्टेडियम के अंदर जाना चाहते थे और बेकाबू हो गए। जिसमें 11 लोगों ने अपनी जान गंवा दी और 33 लोग बुरी तरह से घायल हो गए।

पानीपूरी बेचने वाले देवराज एन के बेटे की मौत हो गई

भगदड़ में जान गंवाने वालों में सभी की उम्र 40 वर्ष से कम थी। इस दर्दनाक हादसे में पानीपूरी बेचने वाले देवराज एन टी के 18 साल के बेटे मनोज कुमार की भी मौत हो गई। मनोज अपने पड़ोस के तीन दोस्तों के साथ RCB की जीत का जश्न मनाने स्टेडियम गया था। मनोज के दोस्त ने बताया कि स्टेडियम जाने की जिद मनोज ने ही की थी। वहीं देवराज ने अपने बेटे की मौत का दोष उसके दोस्तों पर लगाया। उन्होंने कहा, “ये लोग ही उसे जबरन स्टेडियम लेकर गए थे।”
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बेंगलुरु के बोरिंग अस्पताल की मोर्चरी के बाहर अपने बेटे की पहचान करने पहुंचे देवराज ने रोते हुए द इंडियन एक्सप्रेस से कहा, “मैंने उसे कभी अपनी पानीपुरी की दुकान पर प्लेटें साफ़ करने नहीं दीं, क्योंकि मैं चाहता था कि वह कॉलेज जाए। मैंने उसे बड़ी मेहनत और प्यार से पाला था। अब वह चला गया।”

किसी और के पास था मनोज का फोन

देवराज को टीवी के जरिये भगदड़ का पता चला। जिसके बाद उन्होंने तुरंत मनोज को फोन लगाया, लेकिन फोन किसी और ने उठाया। देवराज ने कहा,”तभी मुझे कुछ गड़बड़ महसूस हुआ।” मनोज का परिवार 22 साल पहले बेंगलुरु आकर बसा था। मूल रूप से वे कर्नाटक के तुमकुरु जिले के निवासी थे। मनोज अपने माता-पिता के साथ येलहंका इलाके में रहते थे।

सरकारी मुआवजे पर देवराज ने यह कहा

देवराज ने कहा, “पुलिस ने मुझे फोन किया और बोरिंग अस्पताल आने को कहा। मुझमें अपने बेटे की लाश देखने की हिम्मत नहीं थी।” उन्होंने आगे बताया, “वह दो दोस्तों के साथ उस कार्यक्रम में गया था। उसने मुझे कहा था कि वह सिर्फ विधान सौधा तक जाएगा। मुझे नहीं पता था कि वह चिन्नास्वामी स्टेडियम के पास गया है।” देवराज ने सरकार द्वारा 10 लाख रुपये के मुआवजे की घोषणा पर भावुक होकर कहा, “मैं 50 लाख… 1 करोड़ रुपये देने को तैयार हूं। क्या इससे मेरा बेटा वापस आ जाएगा?”
बता दें भगदड़ के दौरान मनोज अपने दोस्तों से बिछड़ गया था। उसकी मौत की खबर 24 वर्षीय मोहम्मद हुसैन नाम के शख्स ने दी। हुसैन ने मनोज को अस्पताल पहुंचाने में मदद की थी और साथ ही उसका मोबाइल फोन की उसी के पास था।

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