पूर्वोत्तर भारत में भी लगे झटके
वहीं इस भूकंप के तीन घंटे बाद ही पूर्वोंत्तर भारत में भी झटके लगे। अरुणाचल प्रदेश के पश्चिम कामेंग क्षेत्र में सुबह करीब 6 बजे भूकंप के झटके महसूस किए गए। इस इलाके में 4.0 तीव्रता का भूकंप आया। यहां भकूंप 10 किलोमीटर की गहराई पर आया। इसके अलावा 13 मार्च को दोपहर 2 बजे तिब्बत में भी 4.3 तीव्रता का भूकंप आया था। लोगों ने सोशल मीडिया पर पोस्ट किया शेयर
जम्मू और कश्मीर में कई लोगों ने
भूकंप को लेकर सोशल मीडिया पर पोस्ट शेयर किया है। पोस्ट में बताया कि उन्होंने शहरों में भूकंप के झटके महसूस किए है। भूकंप के झटकों से लोग रात में जग गए और अपने घरों से निकल गए। कई यूजर्स ने बताया कि झटके तेज थे और कुछ सेकंड तक चले। कुछ ने इसे होली के दिन सुबह की “अनचाही शुरुआत” करार दिया।
भूकंपीय क्षेत्र-IV में आते है लेह और लद्दाख
बता दें कि लद्दाख और लेह दोनों ही देश के भूकंपीय क्षेत्र-IV में आता है। जिसका अर्थ है कि भूकंप के लिहाज से वे ज्यादा जोखिम में है। मौसम विज्ञान और भूकंप विशेषज्ञों का कहना है कि टेक्टोनिक रूप से सक्रिय हिमालय क्षेत्र में स्थित होने के कारण यहां पर भूकंपीय गतिविधियां आम हैं।
देश को चार भूकंपीय क्षेत्रों में बांटा गया
बता दें कि देश को चार भूकंपीय क्षेत्रों (V, IV, III और II में ) में बांटा गया है। जोन-V सबसे ज्यादा संवेदनशील है, जहां पर भूकंप के झटके अक्सर महसूस किए जाते है। इसके अलावा जोन- II सबसे कम संवेदनशील है। राष्ट्रीय राजधानी सिस्मिक जोन IV में आती है।