क्या है पश्चिमी विक्षोभ
पश्चिमी विक्षोभ ऐसे तूफान हैं, जो कैस्पियन या भूमध्यसागर में उत्पन्न होते हैं। उत्तर पश्चिमी भारत में इसी के चलते गैर मानसूनी वर्षा, बर्फबारी और कोहरे की स्थिति पैदा होती है। यह उच्च वायुदाब क्षेत्रों के प्रभाव में बहते हुए पश्चिम से पूर्व की ओर बढ़ता है। विक्षोभ का तात्पर्य ‘विक्षुब्ध’ क्षेत्र या कम हवा वाले दबाव क्षेत्र से है।कैसे सक्रिय होता है
पश्चिमी विक्षोभ आमतौर पर ठंडी और नम हवाओं के साथ सक्रिय होता है। यह हवाएं ईरान, अफगानिस्तान और पाकिस्तान से होते हुए भारत के उत्तर-पश्चिमी हिस्सों में प्रवेश करती हैं। जब ये हवाएं हिमालयी पर्वतों से टकराती हैं, तो बर्फबारी और वर्षा का सिलसिला शुरू हो जाता है। इसकी तीव्रता और प्रभाव इस बात पर निर्भर करता है कि ऊपरी वायुमंडल में वायु का प्रवाह कितना तेज है। यदि यह धीमा होता है, तो विक्षोभ अधिक देर तक एक ही स्थान पर बना रह सकता है, जिससे अधिक वर्षा और कभी-कभी बाढ़ की स्थिति भी बन सकती है।गति से तय होता है असर
पश्चिमी विक्षोभ की गति इस बात पर निर्भर करती है कि ऊपरी वायुमंडल में वायु प्रवाह कैसा है। यदि प्रवाह धीमा होता है, तो विक्षोभ अधिक देर तक एक स्थान पर बना रह सकता है, जिससे अत्यधिक वर्षा या बर्फबारी की संभावना बढ़ जाती है। कई बार बाढ़ जैसी स्थिति बन जाती है।Weather Update: उत्तर भारत में आंधी-बारिश से राहत, आठ राज्यों में IMD का अलर्ट
कैसे बदलता है मौसम का मिजाज
—गर्मियों में विक्षोभ जब उत्तर भारत से गुजरता है, तो बादल छाते हैं और बारिश होती है।—मई-जून में उत्तर भारत में पश्चिमी विक्षोभ के कारण लू और गर्मी से राहत मिलती है।
—अप्रेल से जून के बीच पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होता है, तो प्री-मॉनसून की बारिश होती है।