एसपी ने कहा, “हमें सूचना मिली थी कि कुछ लड़कियों को ऑर्केस्ट्रा में नाचने के लिए मजबूर किया जा रहा है और उनके साथ अशोभनीय व्यवहार हो रहा है।” बचाई गई लड़कियों में आठ पश्चिम बंगाल से, चार ओडिशा से, दो झारखंड और दिल्ली से और एक बिहार से है।
पुलिस अधिकारी ने बताया कि इस अभियान का नेतृत्व महिला थाना द्वारा किया गया और इसे स्थानीय पुलिस टीमों तथा मिशन मुक्ति फाउंडेशन, रेस्क्यू फाउंडेशन (दिल्ली) और नारायणी सेवा संस्थान (सारण) जैसे गैर-सरकारी संगठनों के सहयोग से संचालित किया गया।
एसपी ने कहा, “हम उनके परिवारों से संपर्क में हैं और सभी आवश्यक कानूनी सहायता प्रदान कर रहे हैं। लड़कियों को आगे की कार्रवाई के लिए चाइल्ड वेलफेयर कमेटी (CWC) के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा। इस मामले में महिला थाना में एफआईआर दर्ज की गई है।”
एसपी ने बताया, “अब तक पांच ऑर्केस्ट्रा आयोजकों को हिरासत में लिया गया है। उनसे पूछताछ की जा रही है।” पुलिस के अनुसार, नाबालिग़ों को आमतौर पर पैसा और नौकरी का लालच देकर फंसाया जाता है। एसपी आशीष के मुताबिक, “कुछ लड़कियों को इंस्टाग्राम और फेसबुक जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर प्रसिद्धि दिलाने के वादे से भी फंसाया जाता है… मई 2024 से अब तक हमने 162 नाबालिग लड़कियों को बचाया है और उन्हें उनके परिवारों के पास वापस भेजा है। हमने 21 मामले दर्ज किए हैं और 56 आरोपी गिरफ्तार किए गए हैं, जिन्हें न्यायिक हिरासत में भेजा गया है।” साथ ही कहा कि जिला पुलिस अपने ‘आवाज़ दो’ कार्यक्रम के माध्यम से जागरूकता बढ़ाने का कार्य कर रही है।