आईएमडी के अनुसार, बंगाल की खाड़ी के साथ-साथ राजस्थान, बिहार और असम में निचले और मध्यम वायुमंडलीय स्तरों पर चक्रवाती सर्कुलेशन सक्रिय है। एक ट्रफ रेखा उत्तर-पश्चिम राजस्थान से मन्नार की खाड़ी तक और दूसरी पूर्वी मध्य प्रदेश से दक्षिण असम तक फैली है। इसके अलावा, दक्षिण रायलसीमा में भी एक चक्रवाती सर्कुलेशन मौजूद है। इन मौसमी सिस्टमों के प्रभाव से:
पूर्वोत्तर और पूर्वी भारत: अगले पांच दिनों तक बिखरी हुई से लेकर व्यापक हल्की/मध्यम बारिश, गरज-चमक के साथ तेज हवाएं (40-50 किमी/घंटा, कभी-कभी 60 किमी/घंटा) की संभावना है। गंगा के मैदानी इलाकों में पश्चिम बंगाल, सिक्किम और बिहार में 17 और 18 अप्रैल को, जबकि अरुणाचल प्रदेश, असम, मेघालय, नगालैंड, मणिपुर, मिजोरम और त्रिपुरा में 17, 18 और 20-23 अप्रैल के बीच भारी बारिश की चेतावनी है। गंगा के मैदानी पश्चिम बंगाल में 17 अप्रैल को ओलावृष्टि और 50-60 किमी/घंटा की रफ्तार वाली आंधी की आशंका है।
दक्षिण भारत: केरल और माहे में अगले सात दिनों तक बिखरी हुई से व्यापक हल्की/मध्यम बारिश, गरज-चमक और तेज हवाएं (40-50 किमी/घंटा, कभी-कभी 60 किमी/घंटा) की संभावना है। उत्तर आंतरिक कर्नाटक में 17 और 18 अप्रैल को 50-60 किमी/घंटा की रफ्तार वाली आंधी की चेतावनी है।
पश्चिमी हिमालयी क्षेत्र: पश्चिमी ईरान के पास एक पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय है, जिसके प्रभाव से जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, गिलगित-बाल्टिस्तान, मुजफ्फराबाद और हिमाचल प्रदेश में 18 और 19 अप्रैल को भारी बारिश और बर्फबारी की संभावना है। इस दौरान गरज-चमक, बिजली और तेज हवाएं (30-40 किमी/घंटा, कभी-कभी 50 किमी/घंटा) भी देखी जा सकती हैं। उत्तराखंड में 20 और 21 अप्रैल को भी ऐसा ही मौसम रहेगा।
उत्तर-पश्चिम भारत: पूर्वी राजस्थान में 17 अप्रैल को धूल भरी आंधी और तेज हवाएं (40-50 किमी/घंटा) संभावित हैं, जबकि पश्चिमी राजस्थान में 18 और 19 अप्रैल को धूल उड़ाने वाली तेज हवाएं (30-40 किमी/घंटा) चल सकती हैं।
यह मौसमी बदलाव जहां गर्मी से राहत देगा, वहीं भारी बारिश, आंधी और ओलावृष्टि के कारण कुछ इलाकों में अलर्ट जारी किया गया है। खासकर, गंगा के मैदानी पश्चिम बंगाल, बिहार और पूर्वोत्तर राज्यों में प्रशासन को सतर्क रहने की सलाह दी गई है। बंगाल की खाड़ी से उठा यह चक्रवात न केवल मौसम को प्रभावित कर रहा है, बल्कि किसानों और आम जनजीवन के लिए भी नए हालात पैदा कर रहा है।