क्या है मामला?
विजय माल्या, किंगफिशर एयरलाइंस के पूर्व मालिक, पर 17 बैंकों से लगभग 9,000 करोड़ रुपये का कर्ज लेकर मार्च 2016 में देश छोड़कर लंदन भागने का आरोप है। 5 जनवरी 2019 को मुंबई की एक विशेष अदालत ने उन्हें ‘भगोड़ा आर्थिक अपराधी’ घोषित किया था। भारत सरकार ने उनके प्रत्यर्पण के लिए ब्रिटेन के साथ कई बार बातचीत की है, लेकिन कानूनी अड़चनों के कारण यह प्रक्रिया अब तक पूरी नहीं हो सकी है।
AAP ने शेयर किया वीडियो
AAP ने अपने आधिकारिक एक्स हैंडल पर वीडियो शेयर करते हुए लिखा, “विजय माल्या को देश से बाहर भगाने में था मोदी सरकार का हाथ। जनता के टैक्स के ₹9000 करोड़ से ज़्यादा लेकर भागे विजय माल्या ने कहा है कि उन्होंने देश छोड़ने से पहले तत्कालीन वित्त मंत्री स्व. अरुण जेटली को बताया था कि वह लंदन जा रहे हैं।” पार्टी ने इसे ‘लूट की प्लानिंग’ करार देते हुए सरकार पर गंभीर सवाल उठाए हैं।
माल्या की कानूनी स्थिति
विजय माल्या ने पहले भी दावा किया था कि उन्होंने 2016 में देश छोड़ने से पहले सरकार को सूचित किया था और बैंकों को 80% कर्ज चुकाने का प्रस्ताव दिया था, जिसे ठुकरा दिया गया। वे वर्तमान में ब्रिटेन में हैं, जहां उनके खिलाफ प्रत्यर्पण की कार्यवाही चल रही है। 2021 में, प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने माल्या की संपत्तियों को बेचकर 14,131.60 करोड़ रुपये की वसूली की थी, जो मूल कर्ज से दोगुना से अधिक है। माल्या ने इस वसूली पर सवाल उठाते हुए कहा कि वे राहत के हकदार हैं।