कांग्रेस से दूरी… आप का समर्थन
दिल्ली में कांग्रेस ने अकेले ही आगामी विधानसभा चुनाव की तैयारी शुरू कर दी है, जबकि आम आदमी पार्टी (AAP) को इस बार इंडिया (INDIA) गठबंधन के कई प्रमुख सहयोगियों का समर्थन मिल रहा है। कांग्रेस और आप ने लोकसभा चुनाव के दौरान एक-दूसरे के सहयोग से चुनाव लड़ा था, लेकिन अब विधानसभा चुनाव में दोनों पार्टियाँ प्रतिद्वंद्वी के रूप में सामने आएंगी। अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी और ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस ने दिल्ली चुनाव में ‘आप’ का समर्थन किया है। कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव में अपना अलग अभियान चलाने का निर्णय लिया है, जबकि आप का उद्देश्य दिल्ली में अपनी सत्ता को बनाए रखना है। यह स्थिति दिल्ली की राजनीति को और भी रोचक बना देती है, क्योंकि दोनों पार्टियां अब एक दूसरे से सीधे मुकाबला करेंगी। इंडिया गठबंधन के सहयोगी दलों के समर्थन से आप को चुनावी लाभ मिलने की संभावना है, लेकिन कांग्रेस का दावा है कि वह दिल्ली की सत्ता में एक मजबूत दावेदार के रूप में उभरने के लिए तैयार है।
13 जनवरी को राहुल देंगे संदेश
राहुल गांधी 13 जनवरी को राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में एक चुनावी रैली को संबोधित करेंगे। यह रैली उत्तर-पूर्वी दिल्ली के सीलमपुर इलाके में होने की संभावना है, जैसा कि पार्टी के दिल्ली प्रमुख देवेंद्र यादव ने गुरुवार को बताया। यह रैली विधानसभा चुनाव से पहले विपक्ष के नेता के रूप में राहुल गांधी की पहली रैली होगी। इससे पहले, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली में दो कार्यक्रमों में हिस्सा लिया था, जहां उन्होंने अरविंद केजरीवाल और उनकी सरकार पर जमकर हमला बोला था। इसके अलावा, कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव से पहले अपने कार्यकर्ताओं को उत्साहित करने के लिए एक महीने लंबी दिल्ली न्याय यात्रा का आयोजन भी किया था। यह यात्रा, जो भारत जोड़ो यात्रा और भारत जोड़ो न्याय यात्रा की तर्ज पर आयोजित की गई थी, 7 दिसंबर को समाप्त हुई। इस रैली और यात्रा का उद्देश्य दिल्ली में कांग्रेस के चुनावी अभियान को मजबूत करना और पार्टी कार्यकर्ताओं को प्रेरित करना है।