scriptPatrika Exclusive: रेलवे ने यात्रियों की सुरक्षा के लिए खर्च कर दिए 1.14 लाख करोड़ रुपए, फिर भी एक साल में हुए इतने हादसे | Indian Railways spent 1.14 lakh crore rupees for safety of passengers, yet so many accidents happened in year | Patrika News
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Patrika Exclusive: रेलवे ने यात्रियों की सुरक्षा के लिए खर्च कर दिए 1.14 लाख करोड़ रुपए, फिर भी एक साल में हुए इतने हादसे

Train accident in India: पिछले एक साल के आंकड़े बताते हैं कि सुरक्षा में भारी निवेश के बावजूद रेल हादसे पूरी तरह रुके नहीं हैं।

भारतMar 11, 2025 / 09:08 am

Anish Shekhar

Train Accident in India: केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने सोमवार को कहा कि बीजेपी के नेतृत्व वाली सरकार ने कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार की तुलना में रेल सुरक्षा में निवेश को काफी हद तक बढ़ाया है। रेलवे (संशोधन) विधेयक, 2024 पर राज्यसभा में बहस का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि रेलवे सुरक्षा में निवेश पिछले प्रशासन के तहत 8,000 करोड़ रुपये से बढ़कर अब हर साल 1.14 लाख करोड़ रुपये हो गया है।
मंत्री ने दावा किया कि रेल हादसों में काफी कमी आई है और सरकार इस दिशा में और प्रयास कर रही है। हालांकि, पिछले एक साल के आंकड़े बताते हैं कि सुरक्षा में भारी निवेश के बावजूद रेल हादसे पूरी तरह रुके नहीं हैं। आइए, पिछले एक साल (2023-24) में भारत में हुए प्रमुख रेल हादसों के आंकड़ों पर नजर डालें।

पिछले एक साल (2023-24) में भारत में रेल हादसों का डेटा

मंत्रालय के अनुसार, वित्तीय वर्ष 2023-24 (अप्रैल 2023 से मार्च 2024) में भारत में कुल 40 रेल हादसे दर्ज किए गए, जिनमें 313 लोगों की मौत हुई और सैकड़ों लोग घायल हुए। इसके अलावा, पिछले दस वर्षों में 638 रेल हादसों में 748 लोगों की जान गई है। नीचे कुछ प्रमुख हादसों का विवरण दिया गया है:
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रेल मंत्री के दावे और हकीकत

रेल मंत्री ने कहा कि हादसों की संख्या में कमी आई है और वार्षिक औसत जो पहले 171 था, अब 30 पर आ गया है। उन्होंने सुरक्षा के लिए LHB कोच, फॉग सेफ्टी डिवाइस और एंटी-कोलिजन डिवाइस ‘कवच’ जैसी तकनीकों का जिक्र किया। हालांकि, 2023-24 में 40 हादसों और 313 मौतों के आंकड़े बताते हैं कि अभी भी सुरक्षा व्यवस्था में सुधार की जरूरत है।
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विपक्ष ने आरोप लगाया कि सरकार का ध्यान बड़े प्रोजेक्ट्स और बुलेट ट्रेन पर है, जबकि पुराने ट्रैक और सिग्नलिंग सिस्टम की मरम्मत पर पर्याप्त ध्यान नहीं दिया जा रहा। इसके जवाब में वैष्णव ने कहा कि सरकार हर हादसे के मूल कारण तक जाकर उसे हल करने की कोशिश कर रही है।

‘कवच’ जैसी तकनीक को तेजी से लागू करने की जरूरत

1.14 लाख करोड़ रुपये के निवेश के बावजूद पिछले एक साल में 40 हादसे और 313 मौतें इस बात की ओर इशारा करती हैं कि रेलवे को अभी और सख्त कदम उठाने होंगे। ‘कवच’ जैसी तकनीक को तेजी से लागू करना और ट्रैक मेंटेनेंस पर ध्यान देना जरूरी है, ताकि यात्रियों की सुरक्षा को सुनिश्चित किया जा सके।

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