रक्षा विभाग के उच्च पदस्थ अधिकारियों का कहना है कि दो साल की देरी हुई लेकिन अब जीई-404 इंजन की आपूर्ति शुरू होने वाली है। जीई एयरोस्पेस एक इंजन की आपूर्ति जल्द करेगी जिसका परीक्षण चल रहा है। इस साल के अंत तक कुल 12 इंजन मिलने की उम्मीद है। उसके बाद हर साल 20 इंजन मिलेंगे। भारतीय विमान निर्माता कंपनी एचएएल और अमरीकी कंपनी जीई एयरोस्पेस के बीच 99 जीई-404 इंजन के लिए 716 मिलियन डॉलर (71.6 करोड़ डॉलर) का करार वर्ष 2021 में हुआ था।
इस साल सौंपे जाएंगे एक दर्जन विमान
एचएएल के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक डॉ के. सुनील ने कहा है कि इस साल के अंत तक 11 तेजस मार्क-1 ए विमान वायुसेना को सौंप दिए जाएंगे। एचएएल अपने नासिक डिविजन में तेजस मार्क-1 ए विमानों के उत्पादन की तैयारी कर रहा है। अप्रेल महीने में नासिक डिविजन से पहले विमान के तैयार होने की उम्मीद है। नासिक डिविजन पहले मिग कॉम्प्लेक्स के तौर पर मशहूर था। बाद में वहां सुखोई-30 एमकेआई विमानों का उत्पादन हुआ, वहीं तेजस विमान बेंगलूरु एलसीए परिसर में तैयार किए जा रहे थे। सुखोई विमानों के उत्पादन में सिद्धहस्त एचएएल के इंजीनियर अब तेजस मार्क-1 ए विमान तैयार करेंगे। उत्पादन के विभिन्न चरणों में कई तेजस अल्फा
एचएएल सूत्रों के मुताबिक 3 से 4 तेजस मार्क-1 ए विमान उत्पादन के विभिन्न चरणों में हैं। इंजन की आपूर्ति होने के बाद जल्द ही ये उड़ान भरने लगेंगे। बेंगलूरु में पहले से ही तीन तेजस अल्फा उड़ान भर रहे हैं जो जीई कैट-बी इंजन से लैस हैं। फरवरी महीने में एयरो इंडिया के दौरान इन विमानों ने यलहंका वायुसैनिक अड्डे पर करतब दिखाए थे। इन विमानों में नए सेंसर लगाए गए हैं। इनमें अधिक सक्षम डिजिटल फ्लाइट कंट्रोल सिस्टम, नवीन हथियार, नेट सेंट्रिक क्षमता और बीवीआर अस्त्र मिसाइल के साथ-साथ प्रेसिजन गाइडेड हथियार भी लगाए गए हैं।
वायुसेना प्रमुख ने जताई थी नाराजगी
वायुसेना ने 83 तेजस मार्क-1 ए की खरीद के लिए एचएएल के साथ लगभग 48 हजार करोड़ का सौदा किया है। करार के तहत 73 तेजस मार्क-1 ए और 10 ट्रेनर तेजस विमान वायुसेना को सौंपना था। पहले तेजस की आपूर्ति मार्च 2024 तक करना था और उसके बाद शेष विमानों की आपूर्ति 2028-29 तक करने का लक्ष्य था, लेकिन अभी तक वायुसेना को एक भी अल्फा विमान नहीं मिले। इसपर वायुसेना अध्यक्ष एयर मार्शल एपी सिंह ने एयरो इंडिया के दौरान कड़े शब्दों में नाराजगी जाहिर की थी। एचएएल ने आश्वस्त किया है कि तेजस मार्क-1 ए के सभी 83 विमानों की आपूर्ति 3 साल में कर दी जाएगी।