इसे खास मकसद से डिजाइन किया गया है। यह जहाज नौसेना की परिचालन और रणनीतिक क्षमताओं को बल देगा। तो आइये, इस जहाज की खासियत को विस्तार से एक बार समझते हैं।
1989 में किया गया था सेवामुक्त
यहां बता दें कि आईएनएस निस्तार (INS Nistar Features) कोई नया जहाज नहीं है। भारतीय नौसेना (Indian Navy INS Nistar) को यह जहाज सोवियत संघ की तरफ से साल 1969 में मिला था। साल 1989 में इसे सेवामुक्त कर दिया गया। अब इसे एडवांस्ड टेक्नोलॉजी के साथ फिर से नौसेना में कमीशन किया गया है। यह भारतीय समुद्रीय क्षेत्र में घुसने वाले किसी भी पनडुब्बियों और जहाज का पता लगाने में सक्षम है। इस जहाज की सबसे खास बात यह है कि ये क्षतिग्रत पनडुब्बियों में पानी के अंदर फंसे लोगों को बचा सकता है।
118 मीटर लंबा है जहाज
आईएनएस निस्तार एक तरह का डाइविंग सपोर्ट वेसल्स (डीएसवी) भी है। जो समुद्र के गहरे पानी में गोताखोरी की ट्रेनिंग भी दे सकता है। आईएनएस निस्तार में अत्याधुनिक डाइविंग उपकरण जैसे रिमोट संचालित वाहन, ऑटोमैटिक हाइपरबेरिक लाइफ बोट और डाइविंग कम्प्रेशन चैंबर्स इंस्टॉल किए गए हैं। यह जहाज 118 मीटर लंबा है। इसका वजन 10 हजार 500 टन है। आईएनएस निस्तार को 120 एमएसएमई कंपनियों ने मिलकर बनाया है। इस जहाज में 80 प्रतिशत उपकरण स्वदेशी हैं। खास बात यह है कि निस्तार जैसे जहाज दुनिया के कुछ चुनिंदा देशों के पास ही उपलब्ध हैं। ऐसे में भारत के लिए यह बड़ी उपलब्धि है।
इतनी गहराई में कर सकता है बचाव कार्य
यह जहाज समुद्र में 300 मीटर की गहराई तक गोताखोरी और बचाव कार्य कर सकता है। आईएनएस निस्तार 15 टन के वजन वाले समुद्री क्रेन को भी ले जा सकता है। इसके अलावा, हेलीकॉप्टर अभियानों में सहायता कर सकता है।
मेडिकल इमरजेंसी का भी रखा गया ध्यान
आईएनएस निस्तार में मेडिकल इमरजेंसी के लिए भी खास इंतजाम हैं। इसमें 8 बेड के अस्प्ताल का निर्माण किया गया है, जिसमें ऑपरेशन थिएटर, आईसीयू और अन्य तरह मेडिकल फैसिलिटीज उपलब्ध हैं।
नौसेना के लिए क्यों खास है आईएनएस निस्तार
आईएनएस निस्तार भारतीय नौसेना के लिए बेहद खास साबित होगा। इसके बारे में अहम जानकारी देते हुए नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश के। त्रिपाठी ने कहा कि आईएनएस निस्तार एडवांस सेचुरेशन डाइव सिस्टम से लैस है। यह पनडुब्बियों सहित गहरे पानी में किसी भी तरह के जहाजों को बचाने की क्षमता रखता है। एडमिरल त्रिपाठी ने कहा कि पुराने जहाज कभी मरते नहीं हैं, वे हमेशा बेहतर बनकर वापसी करते हैं। यह जहाज एडवांस्ड टेक्नोलॉजी के साथ अपनी विरासत को आगे बढ़ाएगा।
नौसेना प्रमुख ने यह भी कहा कि तकनीकी और परिचालन दोनों दृष्टि से निस्तार बेहद खास है। अब इसके नौसेना में जुड़ने से भारत वैश्विक स्तर पर पनडुब्बी बचाव में पसंदीदा भागीदार के रूप में उभरने को तैयार है।
त्रिपाठी ने कहा कि दुनिया भर की बात करें तो कुछ ही नौसेनाओं के पास इस तरह के हाई टेक जहाज हैं। इसके अलावा, कुछ ही देश इन्हें अपने यहां इसे बनाते हैं। निस्तार भारत के समुद्री-आधारित इंडस्ट्री को भी बढ़ावा देगा।
निस्तार भारत की वैश्विक पहचान को बढ़ाएगा
भारत के रक्षा राज्य मंत्री संजय सेठ ने भी आईएनएस निस्तार के बारे में खास जानकारी दी। उन्होंने बताया कि आईएनएस निस्तार दुनिया भर में भारत की पहचान को आगे बढ़ाएगा। उन्होंने कहा कि यह जहाज यह साबित करेगा कि भारत की नौसेना भी वैश्विक महाशक्तियों के बीच बराबर जगह रखती है। मंत्री ने जहाज के बारे में एक और जानकारी दी। उन्होंने बताया कि जब निस्तार को सेवामुक्त किया गया था, तब इसका वजन सिर्फ 800 टन था। अब पुनरुद्धार करने के बाद इसका वजन 10,500 टन किया गया है।