‘कुछ गलतियों की वजह से मिली हार’
उद्धव ठाकरे ने कहा कि विधानसभा चुनाव में हार हुई और गलतियों को जिम्मेदारी के साथ स्वीकार किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि ईवीएम घोटाला, मतदाता सूची, फर्जी मतदाता ऐसे मुद्दे हैं जो सार्वजनिक हो गए हैं और इन पर बात हो रही है। लाडली बहना योजना का भी इसमें असर हुआ है।
सीटों को लेकर थी खींचतान
उद्धव ठाकरे ने यह भी स्वीकार किया है कि लोकसभा चुनाव के दौरान सीटों को लेकर खींचतान थी। उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव के दौरान हमने वे सीटें भी छोड़ दीं थी जो हम चार-पांच बार जीत चुके थे, क्योंकि हम लोकसभा चुनाव जीतना चाहते थे। लोगों ने लोकसभा चुनाव में संविधान को खत्म करने की साजिश के खिलाफ वोट दिया। लेकिन जब विधानसभा जैसे छोटे और कड़े मुकाबले वाले निर्वाचन क्षेत्रों की बात आई, तो गठबंधन सहयोगियों के बीच खींचतान शुरू हो गई।
गलतियों को सुधारने की जरूरत
उद्धव ठाकरे ने कहा कि ये गलतियां हैं जिन्हें सुधारने की ज़रूरत है और अगर इन्हें सुधारा नहीं गया तो फिर से साथ आने का कोई मतलब नहीं है। उन्होंने कहा लोकसभा चुनावों के दौरान गठबंधन में एक अलग ही भावना थी, लेकिन विधानसभा चुनावों में स्वार्थ और अहंकार ने उसकी जगह ले ली।
कोविड-19 में किया अच्छा काम
उद्धव ठाकरे ने कहा कि एमवीए सरकार लोगों तक अपनी सरकार की सफलता को ले जाने में विफल रही है। ठाकरे ने कहा कि तमाम बाधाओं के बावजूद ठाकरे सरकार ने कोविड-19 के दौरान अच्छा काम किया।
लोगों तक सरकार की सफलता ले जाने में रहे विफल
उन्होंने कहा कि हम विधानसभा चुनावों में सरकार में अपने प्रदर्शन को लोगों तक नहीं ले जा सके क्योंकि लड़की बहन खैरात और राशि में वृद्धि जैसी अन्य लोकलुभावन घोषणाएं नाटक में थीं। चुनावों में (दूसरी तरफ से) पैसा बरस रहा था, इसमें कोई संदेह नहीं है, लेकिन हम कर्जमाफी, शिव भोजन थाली, न्यूनतम समर्थन मूल्य, कानून व्यवस्था बनाए रखने में अपने प्रदर्शन को लोगों तक ले जाने में विफल रहे।