क्या था मामला?
17 अप्रैल को CET परीक्षा देने पहुंचे छात्र सुचिव्रत कुलकर्णी ने आरोप लगाया कि परीक्षा केंद्र पर मौजूद स्टाफ ने उससे कहा कि अगर वह जनेऊ नहीं हटाता है तो उसे परीक्षा देने की अनुमति नहीं दी जाएगी। छात्र ने धार्मिक आस्था से जुड़ा बताकर जनेऊ हटाने से इनकार कर दिया, लेकिन इसके बावजूद उसे परीक्षा कक्ष में प्रवेश नहीं दिया गया।
परिवार की नाराजगी और मांग
छात्र की मां नीता कुलकर्णी ने इस घटना पर कड़ी नाराजगी जाहिर की और इसे धार्मिक स्वतंत्रता का उल्लंघन बताया। उन्होंने कहा कि उनके बेटे की धार्मिक मान्यताओं का सम्मान नहीं किया गया और बिना किसी वैध कारण के उसे परीक्षा से वंचित कर दिया गया। उन्होंने सरकार से मांग की कि या तो उनके बेटे के लिए दोबारा परीक्षा आयोजित की जाए या फिर उसे किसी प्रतिष्ठित कॉलेज में दाखिला दिलाया जाए जिसकी फीस सरकार या संबंधित कॉलेज वहन करे। सरकार का रुख सख्त
राज्य सरकार ने इस मामले को गंभीरता से लिया है और शिक्षा विभाग ने स्पष्ट किया है कि धार्मिक प्रतीकों को लेकर किसी भी प्रकार का भेदभाव स्वीकार्य नहीं है। परीक्षा की पवित्रता बनाए रखने के साथ-साथ छात्रों के धार्मिक अधिकारों की रक्षा भी आवश्यक है। मामले की आगे भी जांच की जा रही है और संबंधित अधिकारियों के खिलाफ आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।