मनमोहन सिंह की तारीफ में असदुद्दीन ओवैसी ने कही बड़ी बात, ‘पहले PM जिन्होंने पिछड़े समुदायों के उत्थान के लिए किया काम’
Former PM Manmohan Singh Died: ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने शुक्रवार को पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के निधन (Manmohan singh Death) पर दुख जताया। आइए जानते हैं मनमोहन सिंह की ओर से देश की राजनीति और आर्थिक वृद्धि में दिए गए योगदान को बारे में-
Former PM Manmohan Singh Died: ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने शुक्रवार को पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के निधन पर दुख जताया और उन्हें हाशिए पर पड़े समुदायों और मुसलमानों के उत्थान के लिए काम करने वाला पहला प्रधानमंत्री बताया। असदुद्दीन ओवैसी ने कहा, “अपनी पार्टी की ओर से मैं उनके परिवार के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करता हूं। यह सच है कि मनमोहन सिंह विभाजन के शरणार्थी थे और अपनी कड़ी मेहनत और ईमानदारी के दम पर वे सफलता की ऊंचाइयों पर पहुंचे और RBI गवर्नर, वित्तमंत्री और देश के प्रधानमंत्री बने। उनकी कहानी बहुत ही अनोखी है।’
असदुद्दीन ओवैसी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर पोस्ट कर लिखा, ‘मनमोहन सिंह पहले प्रधानमंत्री थे जिन्होंने हाशिए पर पड़े समुदायों और मुस्लिम समुदाय के उत्थान के लिए काम किया। उनके निधन से देश ने अपना बेटा खो दिया है।”
मनमोहन सिंह ने भारत की अर्थव्यवस्था को बचाया- कनिमोझी
DMK सांसद कनिमोझी ने डॉ. सिंह के निधन को राष्ट्रीय क्षति बताया। कनिमोझी ने कहा, “वे एक ऐसे प्रधानमंत्री थे जो संसद का बहुत सम्मान करते थे। जब हम आर्थिक संकट से गुजर रहे थे, तब उन्होंने भारत की अर्थव्यवस्था को बचाया। हमारे पूर्व प्रधानमंत्री का निधन राष्ट्र के लिए बहुत बड़ी क्षति है।” मनमोहन सिंह का गुरुवार शाम को 92 वर्ष की आयु में आयु संबंधी बीमारियों के कारण दिल्ली के एम्स में निधन हो गया।
मनमोहन सिंह का देश की राजनीति और आर्थिक वृद्धि में योगदान
मनमोहन सिंह का जन्म 26 सितंबर, 1932 को हुआ था। अर्थशास्त्री होने के अलावा, मनमोहन सिंह ने 1982-1985 तक भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर के रूप में कार्य किया। वे 2004-2014 तक अपने कार्यकाल के साथ भारत के 13वें प्रधानमंत्री थे और जवाहरलाल नेहरू और इंदिरा गांधी के बाद सबसे लंबे समय तक सेवा करने वाले प्रधानमंत्री थे। पीवी नरसिंह राव की सरकार में भारत के वित्तमंत्री के रूप में कार्य करते हुए, सिंह को 1991 में देश में आर्थिक उदारीकरण का श्रेय दिया जाता है। सुधारों ने भारतीय अर्थव्यवस्था को विदेशी निवेशकों के लिए अधिक सुलभ बना दिया, जिससे FDI में वृद्धि हुई और सरकारी नियंत्रण कम हो गया। इसने देश की आर्थिक वृद्धि में बहुत योगदान दिया।