scriptMann Ki Baat: महाकुंभ से ISRO तक… 2025 की पहली ‘मन की बात’ में PM मोदी की 5 बड़ी बातें | Mann Ki Baat: From Maha Kumbh to ISRO... 5 big things of PM Modi in first Mann Ki Baat of 2025 | Patrika News
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Mann Ki Baat: महाकुंभ से ISRO तक… 2025 की पहली ‘मन की बात’ में PM मोदी की 5 बड़ी बातें

Mann Ki Baat: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने मासिक कार्यक्रम ‘मन की बात’ के 118वें एपिसोड के जरिए देशवासियों को संबोधित किया।

नई दिल्लीJan 19, 2025 / 01:44 pm

Shaitan Prajapat

Mann Ki Baat
Mann Ki Baat: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने मासिक कार्यक्रम ‘मन की बात’ के 118वें एपिसोड के जरिए देशवासियों को संबोधित किया। मन की बात कार्यक्रम का प्रसारण हर महीने के आखिरी रविवार को होता है, लेकिन इस बार आखिरी रविवार के दिन 26 जनवरी है ऐसे में इसका प्रसारण 19 जनवरी को किया गया। अपने मासिक कार्यक्रम में पीएम मोदी ने महाकुंभ, गणतंत्र दिवस, ISRO, स्टार्टअप इंडिया, रामलला के प्राण प्रतिष्ठा की पहली वर्षगांठ सहित कई मुद्दों पर बात की है।

पीएम मोदी ने स्पेस सेक्टर में भारत की ऐतिहासिक उपलब्धियों को सराहा

पीएम मोदी ने ‘मन की बात’ कार्यक्रम में कहा, 2025 की शुरुआत में ही भारत ने अंतरिक्ष के क्षेत्र में कई ऐतिहासिक उपलब्धियां हासिल की हैं। आज, मुझे ये बताते हुए गर्व है कि एक भारतीय स्पेस टेक स्टार्टअप, बेंगलुरू के ‘पिक्सेल’ ने भारत का पहला निजी सैटेलाइट कांस्टेलेशन– ‘फायर-फ्लाई’, सफलतापूर्वक लॉन्च किया है। यह सैटेलाइट कांस्टेलेशन दुनिया का सबसे हाई-रिज़ॉल्यूशन हाइपर स्पेक्ट्रल सैटेलाइट कांस्टेलेशन है। इस उपलब्धि ने न केवल भारत को आधुनिक स्पेस टेक्नोलॉजी में अग्रणी बनाया है, बल्कि यह आत्मनिर्भर भारत की दिशा में भी एक बड़ा कदम है। ये सफलता हमारे निजी स्पेस सेक्टर की बढ़ती ताकत और इनोवेशन का प्रतीक है। मैं इस उपलब्धि के लिए ‘पिक्सेल’ की टीम, इसरो, और इन-स्पेस को पूरे देश की ओर से बधाई देता हूं।

इस बार कुंभ में बन रहे हैं कई दिव्य संयोग

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रयागराज में आयोजित होने वाले महाकुंभ मेले के महत्व और इसकी दिव्यता पर जोर देते हुए इसे भारतीय संस्कृति और परंपरा का प्रतीक बताया। उनके अनुसार, महाकुंभ मेला केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं है, बल्कि यह विविधता में एकता का उत्सव है, जो देश और दुनिया के लोगों को एक साथ जोड़ता है। इस बार कुंभ में कई दिव्य संयोग बन रहे हैं, जो इसकी पौराणिक और आध्यात्मिक महत्ता को और भी बढ़ाते हैं। कुंभ मेला हजारों वर्षों पुरानी परंपरा का जीवंत उदाहरण है। कुंभ, पुष्करम, और गंगा सागर मेले जैसे आयोजन भारत के सामाजिक ताने-बाने और एकता को मजबूती प्रदान करते हैं। ये आयोजन भारत के लोगों को भारतीय परंपराओं से जोड़ते हैं।
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राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की पहली वर्षगांठ

मन की बात में पीएम मोदी ने अयोध्या में राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की पहली वर्षगांठ का भी जिक्र किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि प्राण प्रतिष्ठा की पहली वर्षगांठ बड़ी धूमधाम से मनाई गई। इसीलिए हमें विरासत को सहेजना है और प्रेरणा लेना है।

स्टार्टअप इंडिया का भी जिक्र

प्रधानमंत्री मोदी ने अपने कार्यक्रम में स्टार्टअप इंडिया का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि बीते दिनों स्टार्टअप इंडिया के 9 साल पूरे हुए है। नौ साल के दौरान स्टार्टअप्स में आधे से ज्यादा Tier 2 और Tier 3 शहरों में है। उन्होंने कहा कि यह बात सुनकर सभी देशवासियों को मन प्रसन्न् होता है, अब स्टार्टअप कलर बड़े शहरों तक ही सीमित नहीं रहे।

पीएम मोदी ने सुभाष चंद्र बोस को किया याद

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नेताजी सुभाष चंद्र बोस के अद्वितीय पराक्रम और दूरदृष्टि को श्रद्धांजलि देते हुए उनकी जयंती को ‘पराक्रम दिवस’ के रूप में मनाने के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने नेताजी के जीवन और उनके योगदान को भारतीय स्वतंत्रता संग्राम का अमूल्य हिस्सा बताया। नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जन्म-जयंती (23 जनवरी) को ‘पराक्रम दिवस’ के रूप में मनाने की घोषणा, उनके अद्वितीय साहस और बलिदान को सम्मानित करने के लिए की गई है।
यह दिवस युवाओं के लिए प्रेरणा स्रोत और देशभक्ति की भावना को सुदृढ़ करने का अवसर है।

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