मोदी सरकार की पाकिस्तान पर डिजिटल स्ट्राइक! बैन किए ‘प्रोपेगेंडा’ वाले ये 16 चैनल
इन चैनलों पर भारत विरोधी कंटेंट के जरिए तनाव को और भड़काने का आरोप है। सूत्रों के मुताबिक, ये चैनल न केवल गलत सूचनाएं फैला रहे थे, बल्कि सांप्रदायिक वैमनस्य को बढ़ावा दे रहे थे, जिससे राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा पैदा हो रहा था।
मोदी सरकार ने पाकिस्तान से संचालित होने वाले 16 यूट्यूब चैनलों पर कड़ा एक्शन लेते हुए उन्हें भारत में बैन कर दिया है। यह कार्रवाई गृह मंत्रालय की सिफारिश पर की गई, जिसमें इन चैनलों पर भारत के खिलाफ भड़काऊ और सांप्रदायिक रूप से संवेदनशील सामग्री, झूठे और भ्रामक कथनों, और गलत सूचनाओं को फैलाने का आरोप लगाया गया है। सरकार के सूत्रों के अनुसार, ये चैनल खास तौर पर भारतीय सेना और सुरक्षा एजेंसियों को बदनाम करने में लगे थे, खासकर 22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले की पृष्ठभूमि में। इस हमले में 26 लोग, ज्यादातर पर्यटक, मारे गए थे, जिसके बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव चरम पर पहुंच गया।
27 अप्रैल 2025 को जारी एक आधिकारिक सूची में इन 16 चैनलों के नाम, उनके यूट्यूब हैंडल, यूआरएल और सब्सक्राइबर संख्या का खुलासा किया गया। सूची में प्रमुख चैनल शामिल हैं, जैसे डाउन न्यूज के 1.96 मिलियन सब्सक्राइबर, समा टीवी के 12.7 मिलियन, एआरवाई न्यूज के 14.6 मिलियन, और जियो न्यूज के 18.1 मिलियन सब्सक्राइबर हैं। अन्य चैनलों में बोल न्यूज (7.85 मिलियन), जीएनएन (3.54 मिलियन), और सुन्नो न्यूज एचडी (1.36 मिलियन) जैसे नाम भी शामिल हैं। इन चैनलों के पास कुल 63.08 मिलियन सब्सक्राइबर थे, जो उनकी व्यापक पहुंच को दर्शाता है। कुछ व्यक्तिगत चैनल जैसे इरशाद भट्टी के 827K और रफ्तार के 804K सब्सक्राइबर भी इस सूची में हैं।
यह डिजिटल स्ट्राइक उस समय हुई, जब भारत सरकार ने पहलगाम हमले के बाद पाकिस्तानी नागरिकों पर सख्ती बरती। 24 अप्रैल से चार दिनों के भीतर 537 पाकिस्तानी नागरिक, जिनमें नौ राजनयिक शामिल थे, अटारी-वाघा सीमा के रास्ते भारत छोड़कर गए। साथ ही, 850 भारतीय नागरिक पाकिस्तान से वापस लौटे। सरकार ने इस हमले को पाकिस्तान समर्थित आतंकवाद से जोड़ा, जिसके बाद डिजिटल प्रोपेगेंडा को रोकने के लिए यह कदम उठाया गया।
फैला रहे थे गलत सूचना
इन चैनलों पर भारत विरोधी कंटेंट के जरिए तनाव को और भड़काने का आरोप है। सूत्रों के मुताबिक, ये चैनल न केवल गलत सूचनाएं फैला रहे थे, बल्कि सांप्रदायिक वैमनस्य को बढ़ावा दे रहे थे, जिससे राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा पैदा हो रहा था। सरकार का यह कदम डिजिटल युद्धक्षेत्र में एक मजबूत संदेश देता है कि भारत अपनी संप्रभुता और आंतरिक सुरक्षा से समझौता नहीं करेगा।
विपक्ष ने इस कार्रवाई की आलोचना करते हुए इसे अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर हमला बताया, लेकिन सरकार ने इसे राष्ट्रीय हित में जरूरी कदम करार दिया। इस बैन के बाद अब इन चैनलों का कंटेंट भारत में उपलब्ध नहीं होगा, जिससे पाकिस्तान की ओर से चलाए जा रहे डिजिटल प्रोपेगेंडा पर बड़ा प्रहार हुआ है। यह कदम भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव में एक नया आयाम जोड़ता है, और आने वाले दिनों में इसकी राजनीतिक और कूटनीतिक प्रतिक्रियाओं पर सभी की नजरें टिकी हैं।
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