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भारत के मुसलमान Waqf क़ानून के ख़िलाफ़ आज रात करेंगे अंधेरा, घर और दुकानों की बंद रखेंगे बिजली

Waqf Amendment Act Protest: ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) ने वक्फ संशोधन विधेयक को असंवैधानिक, अल्पसंख्यक विरोधी और इस्लामी सिद्धांतों के खिलाफ बताया है।

भारतApr 30, 2025 / 04:18 pm

M I Zahir

Save Waqf Save Constitution

Save Waqf Save Constitution

Waqf Amendment Act Protest: ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AlMPLB) की अपील पर कई मुस्लिम संगठनों ने भारत में वक़्फ़ संशोधन अधिनियम 2025 के देशव्यापी शांतिपूर्ण प्रतीकात्मक विरोध (AIMPLB protest ) में आज बुधवार रात 9 बजे से 15 मिनट के लिए ‘बत्ती गुल’ (Batti Gul) रखने का आह्वान किया है। इसके तहत आज बुधवार 9 बजे से 9:15 बजे तक नागरिकों से अपने घरों, दुकानों और कार्यालयों की लाइटें बंद (Lights off)रखने की अपील की गई है। बोर्ड के एक आधिकारिक बयान में कहा गया है, हम सभी विवेकशील नागरिकों, विशेष रूप से मुसलमानों से आग्रह करते हैं कि वे अहिंसक नागरिक कार्रवाई के ज़रिये इस कानून (Save Waqf Save Constitution) को अस्वीकार करें।

यह विरोध केवल धार्मिक मुद्दा नहीं, बल्कि राष्ट्रीय चिंता

प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, यह विरोध केवल एक धार्मिक मुद्दा नहीं, बल्कि एक राष्ट्रीय चिंता है। बोर्ड ने युवाओं और कार्यकर्ताओं से अपील की है कि वे निष्क्रिय न रहें, बल्कि साहस और प्रतिबद्धता के साथ इस आंदोलन का नेतृत्व करें।

सोशल मीडिया पर शेयर करने की अपील

आंदोलन को व्यापक बनाने के लिए डिजिटल माध्यमों के उपयोग पर भी ज़ोर दिया गया है। नागरिकों से सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म जैसे ट्विटर, फेसबुक, इंस्टाग्राम और व्हाट्सएप पर विरोध से जुड़े वीडियो, चित्र और संदेश शेयर करने के लिए कहा गया है, साथ ही मीडिया और प्रभावशाली व्यक्तियों को टैग करने की भी अपील की गई है। देश भर के मुसलमानों को इस अपील के संदेश मिले हैं।

वक्फ बचाओ सम्मेलन तालकटोरा स्टेडियम में 22 को

बोर्ड AIMPLB वक़्फ़ संशोधन अधिनियम 2025 के प्रति अपना विरोध तेज करते हुए 22 अप्रैल, 2025 को नई दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में वक़्फ़ बचाओ सम्मेलन का आयोजन भी करेगा।

वक्फ संशोधन अधिनियम 2025: विवाद का कारण

इस अधिनियम में वक़्फ़ संपत्तियों के प्रबंधन में गैर-मुस्लिम सदस्यों को शामिल करने और सरकारी निगरानी बढ़ाने का प्रावधान शामिल है। इस कानून के विरोधियों का कहना है कि इससे मुस्लिम धार्मिक संपत्तियों पर सरकारी नियंत्रण बढ़ेगा और उनकी धार्मिक स्वतंत्रता पर आघात पहुंचेगा।​

प्रमुख विरोधी संगठन और उनके कदम

ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB): इसने ‘बत्ती गुल’ अभियान का नेतृत्व किया है और राष्ट्रपति को ज्ञापन देने की योजना बनाई है।​

मुस्लिम संगठनों की कानूनी कार्रवाई

AIMPLB और AIMIM सहित कई संगठनों ने इस अधिनियम के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिकाएं दायर की हैं। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में 5 मई 2025 को अंतरिम आदेश देने की तारीख तय की है।​

ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के विरोध प्रदर्शन

एआईएमआईएम की ओर से हैदराबाद में बड़े पैमाने पर रैली आयोजित की गई, जिसमें AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने अधिनियम को असंवैधानिक बताया है।​ जमीयत उलेमा-ए-हिंद, इमारत-ए-शरिया, मुस्लिम यूथ एसोसिएशन ने भी कई शहरों में विरोध प्रदर्शन किए हैं।​

भारत भर में विरोध प्रदर्शन

AIMPLB और AIMIM के संयुक्त तत्वावधान में ‘Save Waqf, Save Constitution’ रैली आयोजित की गई थी।​ कटक, ओडिशा: गांधी भवन से जिला कलेक्टरेट तक मार्च निकाला गया और राष्ट्रपति को ज्ञापन सौंपा गया।​ वहीं लुधियाना, पंजाब जामा मस्जिद के बाहर जमीयत मजलिस अहरार इस्लाम के नेतृत्व में प्रदर्शन हुआ।​ इसी तरह कोयंबटूर, तमिलनाडु तमिलगा वेत्री कझगम ने तहसीलदार कार्यालय के सामने विरोध प्रदर्शन किया जा चुका है।​

वक्फ कानून पर सरकारी पक्ष

भारत सरकार का कहना है कि इस अधिनियम का उद्देश्य वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन में पारदर्शिता लाना और भ्रष्टाचार रोकना है। भारत के गृह मंत्री अमित शाह ( Amit Shah) ने संसद में कहा ​है कि गैर-मुस्लिम सदस्यों की नियुक्ति केवल प्रशासनिक कार्यों के लिए होगी, धार्मिक मामलों में नहीं होगी। ​

मुस्लिम संगठनों की ओर से विरोध

मुस्लिम संगठनों का मानना है कि यह अधिनियम उनकी धार्मिक स्वतंत्रता और संपत्ति के अधिकारों का उल्लंघन है। वे इसे अल्पसंख्यक विरोधी और असंवैधानिक बताते हुए इसके खिलाफ शांतिपूर्ण और कानूनी लड़ाई लड़ने का संकल्प ले चुके हैं।​
Renowned liberal Islamic scholar and litterateur Padmashri Akhtarul Wase

बत्ती गुल मुल्क में विरोध करने का लोकतांत्रिक तरीका : अख्तरुल वासे

प्रख्यात उदार इस्लामी विद्वान साहित्यकार पदमश्री अख्तरुल वासे (Akhtarul Wasey) ने patrika.com से बातचीत में कहा, वक्फ कानून के खिलाफ बत्ती गुल करना मुल्क में विरोध करने का लोकतांत्रिक तरीका है, जिस मुल्क में कोरोना के लिए इस्तेमाल करते थे,अब यह कर रहे हैं, यह अच्छी बात है । उन्होंने कहा, हम पहलगाम और कश्मीर के मामले में पूरी तरह से सरकार के साथ हैं, लेकिन वक्फ कानून भारत के स्वाधीनता आंदोलन में अग्रणी रहने वाले मुस्लिम समाज के खिलाफ है और इससे उनके अधिकारों का हनन हो रहा है, इसलिए हम इसके विरोध में हैं।
Aziz Burney, eminent Urdu journalist of India
भारत के प्रतिष्ठित उर्दू पत्रकार अजीज बर्नी।

अंधकार की पहचान मत कीजिए : बर्नी

उधर देश के प्रख्यात उर्दू पत्रकार अजीज बर्नी ( Aziz Burney) ने भी फेसबुक पर पोस्ट कर इस पर प्रति​क्रिया व्यक्त की है। उन्होंने लिखा है, अंधकार की पहचान मत कीजिए, अंधेरे की पहचान मत कीजिए। बर्नी ने बोर्ड से कहा है, कॉन्फ्रेंस करें, सेमिनार करें,अपनी बात कहने के सौ तरीके अपनाएं,लेकिन ऐसा कोई काम न करें, जो आपको मेजोरिटी कम्युनिटी से अलग कर दे।

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