किताब पढ़ने की दी सलाह
पीएम मोदी ने कहा कि कुछ लोग सोचते हैं कि अगर वे विदेश नीति पर नहीं बोलेंगे तो वे परिपक्व नहीं दिखेंगे। उन्हें लगता है कि उन्हें विदेश नीति पर जरूर बोलना चाहिए, भले ही इससे देश को नुकसान हो। उन्होंने कहा कि मैं ऐसे लोगों से कहना चाहूंगा कि अगर उन्हें विदेश नीति के विषय में रुचि है और वे इसे समझना चाहते हैं तो उन्हें ‘जेएफके फॉरगॉटन क्राइसिस’ नामक किताब पढ़नी चाहिए। यह एक प्रसिद्ध विदेश नीति विद्वान द्वारा लिखी गई है, जिसमें भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित नेहरू और जॉन एफ कैनेडी के बीच बातचीत सहित महत्वपूर्ण उदाहरणों का उल्लेख किया गया है। राहुल गांधी पर साधा निशाना
लोकसभा में पीएम मोदी ने कहा कि देश जब अनेक चुनौतियों का सामना कर रहा था, तब विदेश नीति के नाम पर क्या खेल चल रहा था, इसका खुलासा इस किताब के माध्यम से होता है।
पीएम मोदी ने किताब के संदर्भ का इस्तेमाल करते हुए विदेश नीति पर राहुल गांधी पर निशाना साधा।
कंचन गुप्ता ने एक्स पर किया पोस्ट
भारत सरकार के सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय की वरिष्ठ सलाहकार कंचन गुप्ता ने पुस्तक के कुछ चित्र और अंश एक्स पर शेयर करते हुए लिखा कि नेहरू, कैनेडी की तुलना में जैकी से बात करने में अधिक रुचि रखते थे। ब्रूस रीडेल द्वारा लिखित ‘जेएफके फॉरगॉटन क्राइसिस: तिब्बत, सीआईए एंड द सिनो-इंडियन वॉर’ में जवाहरलाल नेहरू से संबंधित कुछ उदाहरण हैं, जिनका उल्लेख प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा में किया।
2015 में सुर्खियों में आई थी ‘जेएफके फॉरगॉटन क्राइसिस’
पूर्व सीआईए अधिकारी ब्रूस रीडेल द्वारा लिखी गई पुस्तक ‘ जेएफके फॉरगॉटन क्राइसिस: तिब्बत, सीआईए एंड द सिनो-इंडियन वॉर’, जिसके कवर पर नेहरू और जेएफके हैं, पहली बार 2015 में इसके विमोचन के समय सुर्खियों में आई थी, क्योंकि इसमें नेहरू का उल्लेख किया गया था।