scriptNPA पर सियासत गरम: कांग्रेस बोली- 4% देकर कर्जदार कैसे छूटे, BJP ने किया पलटवार | Politics heated up on NPA: Congress said- How did borrowers get released by paying 4%, there should be an investigation | Patrika News
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NPA पर सियासत गरम: कांग्रेस बोली- 4% देकर कर्जदार कैसे छूटे, BJP ने किया पलटवार

कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने आगे कहा कि केंद्र सरकार को बताना चाहिए कि पिछले 9-10 साल में कितने लोगों ने बैंकों से कर्ज लिया और बाद में महज 4-5 प्रतिशत राशि चुकाकर बच निकले।  

भारतJul 23, 2025 / 09:50 pm

Ashib Khan

NPA पर राजनीति हुई तेज (Photo-IANS)

बैंकिंग सेक्टर में एनपीए कमी से जुड़ी वित्त मंत्रालय की रिपोर्ट पर सियासत तेज हो गई है। संसद में वित्त मंत्रालय ने इसको लेकर जानकारी दी। वित्त मंत्रालय ने कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की सकल गैर- निष्पादित परिसंपत्तियां घटकर 3 प्रतिशत से नीचे आ चुकी हैं। साथ ही जानकारी दी कि मार्च 2025 में NPA दर 2.58 प्रतिशत रही थी। वित्त मंत्रालय की जानकारी के बाद विपक्ष ने मोदी सरकार पर निशाना साधा है। 

कांग्रेस ने मांगी कर्ज लेने वालों की सूची

कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने केंद्र सरकार से बैंकों से कर्ज लेने वाले लोगों की सूची देने की मांग की है। कांग्रेस सांसद ने कहा कि बुनियादी बात यह है कि जब से आईबीसी कानून लागू हुआ है, 2016 से 2019 के बीच बैंकों से लोगों ने बड़े-बड़े कर्ज लिए हैं और ये लोग कौड़ियों के दाम पर छूट गए।

बैंकों को हुआ नुकसान- कांग्रेस

कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने आगे कहा कि केंद्र सरकार को बताना चाहिए कि पिछले 9-10 साल में कितने लोगों ने बैंकों से कर्ज लिया और बाद में महज 4-5 प्रतिशत राशि चुकाकर बच निकले। इससे बैंकों को काफी नुकसान हुआ है। 

‘NPA बहुत बकाया है’

वहीं इस पर कांग्रेस के राज्यसभा सांसद राजीव शुक्ला ने कहा कि एनपीए बहुत बकाया है। इस कारण छोटे लोग बहुत परेशान हैं। वहीं कांग्रेस के आरोपों पर बीजेपी ने भी प्रतिक्रिया दी है। बीजेपी सांसद दामोदर अग्रवाल ने कहा कि एनपीए कांग्रेस सरकार में 10 प्रतिशत होता था। क्योंकि कांग्रेस के राजनीतिक दखल के कारण कई ऐसे लोगों को कर्ज दिया जाता था, जो कर्ज वापस नहीं कर सकते थे। इस कारण बैंकों को वित्तीय घाटा भुगतना पड़ता था।

3 प्रतिशत से कम हुई NPA दर

बीजेपी सांसद ने आगे कहा कि मुझे इस बात की खुशी है कि केंद्र सरकार की पारदर्शी नीतियों के कारण और अनुचित दबाव से मुक्त होने के कारण कुछ समय से बैंकों ने पात्र लोगों को लोन दिया है। इससे पहले 9 प्रतिशत से अधिक वाली एनपीए दर अब 3 प्रतिशत से कम है। यह सरकार की बैंकिंग क्षेत्र में बड़ी उपलब्धि है। 

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