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Explainer : राजस्थान, गुजरात समेत 4 राज्यों की बढ़ी ताकत, केंद्र ने दिया आपातकालीन अधिकार

केंद्र का यह आदेश पाकिस्तान से सटे राजस्थान समेत सीमावर्ती राज्यों की सरकारों को मजबूती प्रदान करेगा। पढ़ें, आशीष दीप की स्पेशल स्टोरी..

भारतMay 09, 2025 / 08:14 pm

Anish Shekhar

पाकिस्तान के साथ सीमा पर तनाव बढ़ने के मद्देनजर केंद्र सरकार ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को इमरजेंसी पावर का इस्तेमाल करने का आदेश दिया है। यह अधिकार सिविल डिफेंस रूल्स, 1968 के सेक्शन 11 के तहत दिए गए हैं। यह आदेश स्थानीय प्रशासन को और अधिक ताकतवर बनाता है। किसी भी आपातकालीन स्थिति में स्थानीय प्रशासन सुरक्षात्मक और निवारक तंत्र सक्रिय कर सकता है।
इस आदेश के मायने यह हैं कि पूरा देश हाईअलर्ट पर रहे क्योंकि पाकिस्तान अपने 9 आतंकी ठिकानों के नेस्तनाबूद होने के बाद बौखलाया हुआ है और बदला लेने की फिराक में सीमा पर ड्रोन से हमले कर रहा है, जिसे भारतीय सेना ने नाकाम कर दिया। केंद्र का यह आदेश पाकिस्तान से सटे राजस्थान समेत सीमावर्ती राज्यों की सरकारों को मजबूती प्रदान करेगा।

क्या हैं सिविल डिफेंस रूल्स, 1968

देश के सिविल डिफेंस एक्ट के तहत सिविल डिफेंस रूल्स, 1968 को बनाया गया है। इलाहाबाद हाईकोर्ट के सीनियर एडवोकेट अतुल श्रीवास्तव के मुताबिक यह अधिनियम हवाई, जमीनी या पानी के जरिए होने वाले हमलों के खिलाफ आबादी और बुनियादी ढांचे को जवाब देने के लिए तैयार किया गया है। लखनऊ विवि के पूर्व प्रोफेसर आशुतोष मिश्रा के मुताबिक अगर कोई हमला होता है तो यह नियम केंद्र और राज्य सरकारों को हमला होने की स्थिति में रक्षात्मक और नियंत्रण वाले उपाय करने का अधिकार देता है।
1- हमलों से जनता, संपत्ति और बुनियादी ढांचे को बचाना।
2- हमलों के प्रभाव को कम करना
3- हमले से पहले, उसके दौरान और बाद में ऑपरेट करना

बिजली और विजिबिलिटी का रेगुलेशन, हवाई या रात के हमलों से बचने के लिए

1- सरकार स्ट्रीट लाइट, घर में लाइट जलाने पर प्रतिबंध लगा सकती है या उन्हें विनियमित कर सकती है
2- इसमें वाहनों की लाइटों को ढ़कने या छिपाने या सुरक्षा के लिए लाइट सिग्नल को विनियमित करने की जरूरत हो सकती है।
3- अगर लाइटिंग से खतरा उत्पन्न होता है तो अधिकारी कुछ सड़कों पर यातायात प्रतिबंधित कर सकते हैं।
4- विजिबिलिटी कम करने या दुश्मन सेना के सामने जोखिम कम करने के लिए धुआं, लपटें, चिंगारी या शोर वाली गतिविधियों को प्रतिबंधित किया जा सकता है।

अग्नि निवारण व नियंत्रण, हमले के दौरान आग लगने की स्थिति में

1- मकान मालिकों को अग्नि सुरक्षा उपाय करने का आदेश दिया जा सकता है (मसलन अग्निशामन यंत्र लगवाना, ज्वलनशील पदार्थों को अलग रखना)
2- पुलिस या अधिकृत अधिकारी इसकी जांच के लिए आपके घर आ सकता है।
3- अगर मकान मालिक खुद यह काम नहीं कराता है तो सरकार इसे करवा सकती है। लेकिन मालिक से लागत वसूल कर सकती है।
4- आग लगने के दौरान अधिकृत कर्मचारी किसी भी घर में घुस सकता है। आग को रोकने के लिए जरूरी कदम उठा सकता है।

छद्मावरण उपाय यानी दुश्मन को घर या इमारत दिखे ही नहीं

1- सरकारें मकान मालिकों को छत पेंट करने या जाल का इस्तेमाल करने जैसे छद्मावरण उपाय करने का आदेश दे सकती हैं।
2- अगर मालिक ऐसा नहीं करता है, तो उससे खर्च लेकर सरकार स्वयं करवाएंगी।

जानलेवा सामग्री का नियंत्रण – जहरीले, ज्वलनशील या विस्फोटक पदार्थों से उत्पन्न जोखिम को कम करने के लिए

1- सरकार ऐसी सामग्री को स्टोर करने पर प्रतिबंध लगा सकती है या उसे सीमित कर सकती है।
2- वह मात्रा की सीमा तय कर सकती है या सुरक्षात्मक उपाय का आदेश दे सकती है।
3- इसे सुनिश्चित करने के लिए निरीक्षण किया जा सकता है।

एयर रेड शेल्टर बनवाना- हवाई हमलों के दौरान यात्रियों की सुरक्षा के लिए

1- राज्य सरकार संवेदनशील परिसरों में हवाई हमले से बचाव के लिए आश्रय स्थलों का निर्माण करा सकती है।
2- ऑर्डर में लेआउट, मटीरियल और समय सीमा तय की जा सकती है।
3- निर्माण ठीक से किया गया है या नहीं, इसके लिए परिसर का निरीक्षण करवा सकती है।

अग्नि एवं आपातकालीन सेवाओं का जुटान –

अगर किसी प्रमुख बंदरगाह, शहर या कस्बे के पास आग लग जाती है या विस्फोट होता है:

1- स्थानीय अफसर या निजी मालिक से अग्नि व जल आपूर्ति सेवाएं ली जा सकती हैं।
2- ऐसी आपात स्थिति में कार्मिकों और उपकरणों को सरकारी आदेश का पालन करना होगा।
नागरिक सुरक्षा अभ्यास तैयारी सुनिश्चित करने के लिए-
1- सरकारें कहीं भी मॉक ड्रिल और अभ्यास करवा सकती हैं।
2- इस दौरान, नागरिक सुरक्षा कर्मी कहीं भी प्रवेश कर सकते हैं, पानी का इस्तेमाल कर सकते हैं, अस्थायी निर्माण कर सकते हैं और सड़कों या सेवाओं को प्रतिबंधित कर सकते हैं।
3- अगर अभ्यास के कारण संपत्ति या लोगों को नुकसान होता है तो मुआवजा दिया जाना चाहिए।

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