राहुल गांधी का सवाल – कितने विमान खोए?
राहुल गांधी ने शनिवार को X (ट्विटर) पर लिखा, “हमले की शुरुआत में पाकिस्तान को सूचित करना एक अपराध था। विदेश मंत्री ने खुद इसे स्वीकार किया है। इसकी इजाजत किसने दी? और इसका क्या परिणाम हुआ? क्या हमारी वायुसेना ने विमान गंवाए?”
जयशंकर का बयान – पाकिस्तान को दी गई चेतावनी
राहुल गांधी का यह बयान विदेश मंत्री एस. जयशंकर की एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद आया, जिसमें उन्होंने कहा था, “ऑपरेशन की शुरुआत में हमने पाकिस्तान को एक संदेश भेजा था कि हमारा निशाना आतंकवादी ढांचे पर है, न कि उनकी सेना पर। हमने उन्हें हस्तक्षेप न करने का विकल्प दिया था, लेकिन उन्होंने इसे मानने से इनकार कर दिया।” जयशंकर के अनुसार, 7 मई की रात 1 से 1:30 बजे के बीच, भारतीय सेना के DGMO लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई ने पाकिस्तान के DGMO मेजर जनरल काशिफ अब्दुल्ला को फोन कर यह जानकारी दी थी। इस कॉल में बताया गया कि भारत ने केवल सावधानी से चुने गए आतंकी ठिकानों को ही निशाना बनाया है, न कि सेना के ठिकानों को। साथ ही यह भी कहा गया कि अगर पाकिस्तान बातचीत करना चाहता है तो भारत इसके लिए तैयार है।
विदेश मंत्रालय की सफाई – तथ्यों को तोड़ा-मरोड़ा गया
राहुल गांधी के आरोपों के जवाब में विदेश मंत्रालय (MEA) ने कहा, “विदेश मंत्री ने स्पष्ट रूप से कहा था कि पाकिस्तान को ऑपरेशन शुरू होने के बाद सूचना दी गई थी, न कि उससे पहले। इस बयान को गलत तरीके से पेश किया जा रहा है। यह तथ्यों की तोड़-मरोड़ है।”
क्या ऑपरेशन सिंदूर में कोई विमान खोया गया?
11 मई को हुई सैन्य अधिकारियों की प्रेस ब्रीफिंग में जब यह सवाल पूछा गया कि क्या इस ऑपरेशन में भारतीय वायुसेना ने कोई विमान खोया, तो एयर मार्शल ए. के. भारती ने जवाब देने से इनकार करते हुए कहा, “वर्तमान युद्ध स्थिति को देखते हुए हम इस पर टिप्पणी नहीं करना चाहेंगे।” हालांकि, लेफ्टिनेंट जनरल घई ने कहा, “किसी भी युद्ध में कुछ हानियां होती हैं। लेकिन हमारे सभी रणनीतिक लक्ष्य पूरे किए गए और वायुसेना के सभी पायलट सुरक्षित वापस लौटे हैं।”