राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र (एसईओसी) के अनुसार, पिछले 24 घंटों में 220 सड़कें ब्लॉक होने के अलावा, 67 बिजली वितरण ट्रांसफार्मर बाधित हो गए हैं। इसके साथ 153 जलापूर्ति योजनाएं प्रभावित हुईं हैं।
मंडी, कुल्लू, कांगड़ा और सिरमौर जिलों में ऐसा हाल
मंडी, कुल्लू, कांगड़ा और सिरमौर जिलों में भारी बारिश और उससे जुड़े भूस्खलन के कारण यातायात बाधित हुआ है। सड़कों को सबसे ज्यादा नुकसान मंडी जिले में हुआ है, भारी बारिश के कारण यहां 160 सड़कें अवरुद्ध हो गईं। पानी की आपूर्ति और बिजली के बुनियादी ढांचों पर भी बुरा असर पड़ा है। मंडी में 61 बिजली ट्रांसफार्मर और 133 जल योजनाएं बाधित हुईं है, जो राज्य में सबसे ज्यादा है। इसके अलावा, कुल्लू में 25 सड़कें अवरुद्ध हुईं और एक ट्रांसफार्मर प्रभावित हुआ है। कांगड़ा में 12 सड़कें अवरुद्ध हुईं, जबकि 18 ट्रांसफार्मरों की बिजली गुल हो गई है और सिरमौर में नौ सड़कें अवरुद्ध हुईं हैं। शिमला, सोलन, ऊना और चंबा जैसे अन्य जिलों को भी नुकसान पहुंचा है, हालांकि कम हद तक।
एसईओसी ने अपने बुलेटिन में हताहतों के किसी नए आंकड़े का उल्लेख नहीं किया है। हालांकि, राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एसडीएमए) के सूत्रों ने पहले इस मानसून के मौसम में बारिश से संबंधित घटनाओं और सड़क दुर्घटनाओं, दोनों के कारण बढ़ती मौतों की पुष्टि की थी।
हाई अलर्ट पर अधिकारी
एसडीएमए ने अपनी पिछली रिपोर्ट में 20 जून से अब तक बारिश से संबंधित 57 मौतों और सड़क दुर्घटनाओं में 41 मौतों का हवाला दिया था। अधिकारी हाई अलर्ट पर हैं। आवश्यक सेवाओं की निरंतरता बनाए रखने के लिए खासकर कुल्लू में, महत्वपूर्ण सिंचाई और सीवरेज प्रणालियों की अस्थायी मरम्मत शुरू कर दी गई है।
वाहन चालकों को सावधानी बरतने की सलाह दी जाती है, खासकर प्रभावित क्षेत्रों में जहां पुल बह गए हैं। यह रास्ते अगली सूचना तक बंद कर दिए गए हैं।