scriptसुप्रीम कोर्ट ने खत्म की 20 साल पुरानी व्यवस्था, किताबी ज्ञान व ट्रेनिंग नहीं, प्रत्यक्ष अनुभव जरूरी | Supreme Court ends 20 year old system, 3 years of advocacy is necessary to become judge | Patrika News
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सुप्रीम कोर्ट ने खत्म की 20 साल पुरानी व्यवस्था, किताबी ज्ञान व ट्रेनिंग नहीं, प्रत्यक्ष अनुभव जरूरी

Supreme Court: चीफ जस्टिस बीआर गवई, जस्टिस एजी मसीह और जस्टिस के.विनोद चंद्रन की बेंच ने फैसला सुनाते हुए कहा कि पिछले 20 वर्षों से फ्रेश लॉ ग्रेजुएट्स को एक दिन के भी अनुभव के बिना न्यायिक अधिकारी बनाया गया जो सफल नहीं हुआ और इससे कई समस्याएं खड़ी हुईं।

भारतMay 21, 2025 / 08:23 am

Shaitan Prajapat

सुप्रीम कोर्ट (Photo- IANS)

Supreme Court: सुप्रीम कोर्ट ने एक अहम फैसले में कानून की पढ़ाई कर न्यायिक सेवा में जाने के इच्छुक युवाओं के लिए न्यूनतम तीन साल की वकालत का अनुभव फिर से जरूरी कर दी। हालांकि यह अनिवार्यता उन मामलों में लागू नहीं होगी जहां भर्ती प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। यानी यह भविष्य की भर्तियों में ही लागू होगा। कोर्ट ने 2002 में तीन साल वकालत के अनुभव की अनिवार्यता समाप्त कर दी थी।
चीफ जस्टिस बीआर गवई, जस्टिस एजी मसीह और जस्टिस के.विनोद चंद्रन की बेंच ने फैसला सुनाते हुए कहा कि पिछले 20 वर्षों से फ्रेश लॉ ग्रेजुएट्स को एक दिन के भी अनुभव के बिना न्यायिक अधिकारी बनाया गया जो सफल नहीं हुआ और इससे कई समस्याएं खड़ी हुईं। कार्यभार संभालने के पहले दिन से ही जजों को याचिकाकर्ताओं के जीवन, स्वतंत्रता, संपत्ति और प्रतिष्ठा से जुड़े मामलों से निपटना पड़ता है। बेंच ने कहा कि नई व्यवस्था के लिए सभी हाईकोर्ट और राज्य सरकारें सेवा नियमों में संशोधन करेंगी। शीर्ष अदालत ने इस मामले में गत 25 जनवरी को सुनवाई कर फैसला सुरक्षित रखा था।
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किताबी ज्ञान व ट्रेनिंग नहीं, प्रत्यक्ष अनुभव जरूरी

बेंच ने कहा कि केवल कानून की किताबों से मिला ज्ञान और न्यायिक अकादमियों में मिली ट्रेनिंग कानूनी पेशे में प्रत्यक्ष तौर पर काम से मिले अनुभव का स्थान नहीं ले सकती। ये तभी संभव है जब कैंडिडेट ने वास्तव में कोर्ट का काम देखा हो। समझा हो कि वकील और जज कोर्ट में कैसे काम करते हैं। बेंच ने कहा कि ज्यादातर हाईकोर्ट ने न्यायिक सेवा के लिए निश्चित अनुभव की अनिवार्यता लागू करने पर सहमति जताई है।

फैसले में यह दिए निर्देश

-अभ्यर्थी के पास न्यूनतम 10 साल की वकालत वाले वकील का 3 साल का अनुभव प्रमाण पत्र लेना होगा, इसे स्थानीय न्यायिक अधिकारी प्रमाणित करेगा।
-वकालत की प्रेक्टिस की अवधि अस्ठाई बार नामांकन से मानी जाएगी।
-लॉ-क्लर्क के रूप में काम कर रहे लॉ-ग्रेजुएट की सेवाएं अनुभव में शामिल होंगी।

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