केंद्र सरकार शुरू करने जा रही टैक्सी सर्विस, Ola-Uber को ड्राइवर मिलने में भी होगी परेशानी, क्या है प्लान?
Amit Shah: अमित शाह ने कहा कि आने वाले कुछ ही समय में कोऑपरेटिव इंश्योरेंस कंपनी देश की सभी कोऑपरेटिव व्यवस्था का इंश्योरेंस करेगी। कुछ ही समय में प्राइवेट सेक्टर में भी यह सबसे बड़ी को-ऑपरेटिव इंश्योरेंस कंपनी बन जाएगी।
Ola-Uber: मोदी सरकार अब ओला-उबर की तरह देश में सहकारिता मॉडल पर टैक्सी सर्विस शुरू करने जा रही है। दूरदराज के क्षेत्रों में बाइक, रिक्शा और कार वाले रजिस्ट्रेशन कराकर सर्विस से जुड़ेंगे। इससे जहां रोजगार बढ़ेगा, वहीं जनता को सस्ते रेट पर सफर की सुविधा भी मिल सकेगी। इसके अतिरिक्त, सहकारिता मंत्रालय देश की सबसे बड़ी सहकारिता इंश्योरेंस कंपनी भी खोलने की पहल कर रहा है। गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने बुधवार को लोकसभा में इसका ऐलान किया।
अमित शाह ने त्रिभुवन सहकारी विश्वविद्यालय विधेयक पर चर्चा का जवाब देते हुए सहकारिता मंत्रालय के भावी प्लान का खुलासा किया। चर्चा के बाद बिल पास हो गया। गृहमंत्री ने कहा कि आने वाले कुछ ही समय में कोऑपरेटिव इंश्योरेंस कंपनी देश की सभी कोऑपरेटिव व्यवस्था का इंश्योरेंस करेगी। कुछ ही समय में प्राइवेट सेक्टर में भी यह सबसे बड़ी को-ऑपरेटिव इंश्योरेंस कंपनी बन जाएगी।
पूरा मुनाफा ड्राइवर की जेब में जाएगा
अमित शाह ने टैक्सी सर्विस के बारे में बताया कि कुछ ही महीनों में को-ऑपरेटिव बेसिस पर इसकी शुरुआत होगी। ओला-उबर जैसी ही यह व्यवस्था होगी। लेकिन, इसमें सबसे बड़ा अंतर होगा कि इसमें मुनाफा किसी धन्नासेठों के हाथ में नहीं जाएगा, वो सीधे ड्राइवर के पास जाएगा। सहकार टैक्सी सर्विस में बाइक, कार के साथ रिक्शा भी रजिस्ट्रेशन होगा।
Ola-Uber को ड्राइवर मिलना हो जाएगा मुश्किल
बता दें कि यदि केंद्र सरकार के मुताबिक सरकार की नई टैक्सी सर्विस में मुनाफा ड्राइवरों के पास जाएगा। ऐसे में ओला-उबर में काम करने वाले ड्राइवर सरकार की टैक्सी सर्विस में काम करना चाहेंगे। वहीं दूसरी तरफ ओला-उबर को ड्राइवर रखने के लिए ज्यादा मुनाफा भी देना पड़ सकता है।
‘सहकार से समृद्धि’ सिर्फ नारा नहीं-शाह
गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि ‘सहकार से समृद्धि’ ये सिर्फ एक नारा नहीं है, जमीन पर उतारने के लिए साढ़े तीन साल में सहकारिता मंत्रालय ने दिन-रात एक कर दिया।
टीएमसी सांसद सौगत रॉय ने सहकारिता विश्वविद्यालय का नामकरण त्रिभुवन पटेल के नाम पर करने पर यह कहकर सवाल उठाए कि सहकारिता पर सिर्फ एक व्यक्ति ने कार्य नहीं किया है, बल्कि डॉ. कुरियन का भी नाम लेना चाहिए था। इस पर अमित शाह ने कहा- भारत के अंदर सहकारिता की नींव डालने वाले और अमूल की स्थापना करने वाले त्रिभुवन पटेल ही थे और डॉ. कुरियन को जॉब देने वाले भी वही थे। डॉ. कुरियन के योगदान को मानते हुए ही आज जन्मशताब्दी भी गुजरात में ही मनाई जा रही है, किसी विपक्ष शासित राज्य में उन्हें याद नहीं किया जा रहा है। शाह ने विपक्षी सांसदों की तरफ इशारा करते हुए कहा- त्रिभुवन पटेल कांग्रेस के नेता थे, यह भी आप लोगों को याद रखना चाहिए।
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