कैंटीन में लगेंगे चीनी और वसा की मात्रा के बारे में जानकारी देने वाले बोर्ड (Photo-Patrika)
Samosa, Jalebi और Laddo पर चेतावनी लेबल लगाने की खबर भ्रामक है। हेल्थ मिनस्ट्री ने इस पर स्पष्टीकरण जारी कर बताया है कि उसने लॉबी, कैंटीन, कैफिटेरिया, मीटिंग रूम्स आदि में सिर्फ इनसे मिलने वाली कैलोरी के बारे में जानकारी चस्पा करने की सलाह दी थी। मिनस्ट्री ने कहा कि यह एडवाइजरी खाने की विभिन्न चीजों में अतिरिक्त शुगर और छिपे हुए फैट से शरीर को होने वाले नुकसान को उजागर करने के लिए जारी की थी। मीडिया रिपोर्ट में इन खाद्य पदार्थों पर वार्निंग लेबल लगाने की जानकारी भ्रामक और आधारहीन है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि यह एडवाइजरी कार्यस्थल पर सेहतमंद रहने के लिहाज से जारी की गई थी ताकि मोटापे के शिकार हो रहे लोगों को इन चीजों का सेवन करते समय उससे शरीर को होने वाले नुकसान का इल्म हो सके। मिनिस्ट्री ने साफ कहा है कि उनका निर्देश यह नहीं है कि दुकानदारों को अपने खाने के सामान पर चेतावनी वाले लेबल लगाने होंगे। साथ ही, ये सलाह भारतीय स्नैक्स या स्ट्रीट फूड को निशाना नहीं बना रही है।
फैट और चिकनाई शरीर को नुकसान पहुंचाता है
मंत्रालय ने बताया कि ये एक सामान्य सलाह है ताकि लोग समझ सकें कि खाने में छिपे हुए फैट और ज्यादा चीनी कितनी हानिकारक हो सकती है। ये किसी एक खास खाने पर लागू नहीं है।
लोग फल, सब्जियां और कम फैट वाले हेल्दी ऑप्शन
इस एडवाइजरी में यह भी कहा गया है कि लोग फल, सब्जियां और कम फैट वाले हेल्दी ऑप्शन चुनें। इसके साथ ही सीढ़ियों का इस्तेमाल करने, छोटे-छोटे एक्सरसाइज ब्रेक लेने और पैदल चलने जैसे आसान उपायों को अपनाने की भी सलाह दी गई है।
पूरा अभियान राष्ट्रीय कार्यक्रम का हिस्सा
ये पूरा अभियान गैर-संक्रामक बीमारियों की रोकथाम और नियंत्रण के राष्ट्रीय कार्यक्रम (NP-NCD) का हिस्सा है। मंत्रालय ने बताया कि बहुत ज्यादा तेल और चीनी का सेवन मोटापे, डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर जैसी बीमारियों का बड़ा कारण बन रहा है।
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