TRAI इस महीने शुरू करेगा पायलट प्रोजेक्ट, अमान्य SMS होंगे ब्लॉक
दूरसंचार नियामक ट्राइ (TRAI) इस माह पायलट प्रोजेक्ट शुरू करने जा रहा है। यूजर्स की सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए इस प्रोजेक्ट की शुरआत की जा रही है। इसकी शुरुआत इस महीने यानी जनवरी से की जा सकती है।
दूरसंचार नियामक ट्राइ (TRAI) इस माह पायलट प्रोजेक्ट शुरू करने जा रहा है, जिसके तहत ग्राहकों को अनचाहे एसएमएस (व्यावसायिक और विज्ञापन वाले संदेशों) से पूरी तरह छुटकारा मिल जाएगा। ट्राई ने सभी दूरसंचार कंपनियों को निर्देश दिया है कि वे ग्राहकों को अधिक प्रभावी डू-नॉट-डिस्टर्ब (DND) सेवा प्रदान करें। इस सुविधा के तहत लोगों को अपनी पसंद के अनुसार केवल आवश्यक SMS प्राप्त करने का विकल्प मिलेगा। ट्राइ अध्यक्ष अनिल कुमार लाहोटी ने कहने कहा, स्पैम संदेश पर नियंत्रण के लिए सख्त नियम और टेली मार्केटर्स के लिए नई जांच प्रक्रिया भी जल्द शुरू की जाएगी।
अनिल कुमार लाहोटी ने बताया कि डिजिटल वितरण लेजर तकनीक (डीएलटी) प्लेटफॉर्म शुरू किया गया, जहां सभी प्रमुख संस्थाओं (पीई) जैसे बैंकों, वित्तयी संस्थाओं, कारोबारी संगठनों और सरकारी एजेंसियों के साथ उनके टेलीमार्केटर्स (टीएम) को जोड़ा गया है। इनके लिए डीएलटी पर पंजीकरण आवश्यक है। मोबाइल उपभोक्ताओं को संदेश भेजने के लिए उनकी डिजिटल या कागजी सहमति भी जरूरी है। हालांकि इसमें चुनौती यह है कि ग्राहकों की कागजी सहमति को डीएलटी पर कैले लाया जाए, क्योंकि आप इसे पूरी तरह त्याग नहीं सकते।
TRAI ने दिया बयान
ट्राइ ने कहा कि डीएलटी मंच ब्लॉकचेन तकनीक पर आधारित है, जहां सभी कंपनियों को एसएमएस भेजने वाले संचरण प्रक्रिया की घोषणा करनी होगी। इससे हर संदेश को आसानी से ट्रैक कर पाना संभव हो सकेगा। इससे डेटा सुरक्षा से समझौता या एसएमएस वितरण में देरी किए बिना पता लगाया जा सकेगा कि संदेश कहां से भेजा गया है और किसे डिलीवर हुआ है। इसके साथ ही इस तकनीक से हर संदेश की वैधता जांची जाएगी और जो संदेश मान्य नहीं होंगे, उन्हें डिलीवर होने से पहले ही ब्लॉक कर दिया जाएगा।
वर्तमान में यदि उपभोक्ता को किसी विशेष सेवा प्रदाता या विक्रेता से एसएमएस या कॉल प्राप्त होता है और ग्राहक यह शिकायत करते हैं कि यह स्पैम है तो इस पर कंपनियों का तर्क होता है कि उनके पास कागज पर इस विशेष ग्राहक की सहमति है। यह रिकॉर्ड केवल कागज पर है, ऑनलाइन सिस्टम में नहीं। इसलिए हमने ऐसी प्रणाली बनाई है, जहां ग्राहक की पिछली सहमतियां डीएलटी मंच पर आ जाएं। इसके बाद लोग चाहें तो पुरानी सहमति वापस ले सकते हैं।
कॉलिंग पैक का नियम नहीं बदलेगा
वहीं, ट्राइ ने हाल ही में लागू किए गए उस नियम पर पुनर्विचार करने से इनकार कर दिया है, जिसमें टेलीकॉम सेवा प्रदाताओं को वॉयस कॉल और एसएमएस के लिए अलग विशेष टैरिफ वाउचर पेश करने का निर्देश दिया गया है। लाहोटी ने कहा कि उपभोक्ताओं को डेटा का उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित किया जा सकता है, लेकिन मजबूर नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा कि ट्राइ का ध्यान उद्योग के साथ लोगों के हितों की सुरक्षा पर भी है।
मार्केटिंग कॉल्स पूरी तरह बंद
ट्राई स्पैम कॉल्स को रोकने के लिए ऑथोराइजेशन फ्रेमवर्क को इस महीने लाने वाला है। आने वाले कुछ सप्ताह में इसे लागू कर दिया जाएगा। इसके बाद यूजर के नंबर पर केवल उन टेलीमार्केटर्स के कॉल्स आएंगे, जिन्हें उन्होंने अनुमति यानी कंसेंट दिया है। पिछले साल अगस्त में दूरसंचार नियामक ने स्पैम कॉल्स और मैसेज पर लगाम लगाने के लिए कई नए नियम लाने की घोषणा की थी। इनमें से अक्टूबर में फर्जी कॉल्स और मैसेज को लेकर नया नियम लागू किया गया। इस नियम के आने से यूजर के फोन पर उन टेलीमार्केटर्स के URLवाले मैसेज नहीं आएंगे, जिन्हें व्हाइटलिस्ट नहीं किया गया है।