कर्नाटक के बल्लारी जिले के बोम्मनहाल गांव के लोगों का कहना है कि यह भैंसा उनके द्वारा छोड़ा गया है। वे अपने गांव की देवी सुंकलम्मा के वार्षिक उत्सव में उसे अर्पित करना चाहते हैं। ग्रामीण चाहते हैं कि आंध्र प्रदेश से भैंसा वापस लिया जाए। यदि इसके लिए डीएनए जांच की जरूरत है तो यह भी किया जाए।
अगले महीने देवी जात्रा में होगा अर्पण
मेदहाल गांव में बारह साल बाद और बोम्मनहाल गांव में पांच साल बाद जनवरी में देवी जात्रा (मेला) का आयोजन हो रहा है। दोनों गांवों के लोग भैंसे को अपनी-अपनी आराध्य देवी को अर्पित करना चाहते हैं। एक गांव के लोगों ने भैंसे की उम्र आठ साल, जबकि दूसरे गांव वालों ने तीन साल बताई थी। पशु चिकित्सकों ने बाद में बताया कि भैंसा करीब छह साल का है।
अधिकारियों के लिए बड़ा सिरदर्द
समस्या को सुलझाना कर्नाटक और आंध्र प्रदेश के अधिकारियों के लिए बड़ा सिरदर्द बन गया है। कर्नाटक के दावणगेरे जिले में 2021 में इसी तरह का विवाद हुआ था। तब भी दो गांवों ने चढ़ावे के एक भैंसे पर अपना-अपना दावा जताया था। डीएनए जांच से भैंसे के मालिकाना हक के फैसले के बाद विवाद सुलझाया गया था।