जस्टिस बागची को 27 जून 2011 को कलकत्ता हाई कोर्ट का न्यायाधीश नियुक्त किया गया था। उनके करियर में कई महत्वपूर्ण फैसले और योगदान शामिल हैं, और वे उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों की अखिल भारतीय वरिष्ठता सूची में 11वें स्थान पर थे। उनकी नियुक्ति के साथ ही सुप्रीम कोर्ट में न्यायाधीशों की संख्या 33 हो गई है, जबकि स्वीकृत संख्या 34 है।
ये रहा सफर
जस्टिस बागची एक भारतीय न्यायधीश हैं। उनका नाम खासतौर पर कलकत्ता उच्च न्यायालय (अब कोलकाता उच्च न्यायालय) के न्यायधीश के रूप में लिया जाता है। वे एक प्रतिष्ठित न्यायधीश हैं और न्यायपालिका में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही है। उनकी सफलता की बात करें, तो उन्होंने न्यायपालिका में महत्वपूर्ण निर्णय दिए हैं, जिनमें संवैधानिक और कानूनी मुद्दों का विश्लेषण और न्यायसंगत समाधान शामिल है। उनके कार्यकाल में उन्होंने न्यायिक प्रक्रिया की सख्ती और निष्पक्षता को सुनिश्चित करने का प्रयास किया।
कॉलेजियम ने की नियुक्ति
कॉलेजियम ने साफ कहा कि योग्यता, ईमानदारी और काबिलियत को ध्यान में रखते हुए यह सिफारिश की गई है। साथ ही, यह भी देखा गया कि सुप्रीम कोर्ट में क्षेत्रीय प्रतिनिधित्व को संतुलित करना जरूरी है।