Women Loco Pilot gender issues : Indian Railways में 1 लाख के करीब महिला कर्मचारी हैं, जिनमें से 2000 से ऊपर लोको पायलट हैं। इन्हीं लोको पायलट ने विभाग में लैंगिक असमानता का आरोप लगाते हुए अपनी जॉब कैटेगरी बदलने की मांग की है। इसके बाद रेलवे बोर्ड ने सभी 17 रेलवे जोन से सख्ती से कहा है कि वह कार्यस्थल पर Gender Neutral Policy का ढंग से पालन कराएं। हालांकि Women Loco Pilot की यूनियन रेलवे बोर्ड के पत्र लिखने मात्र से संतुष्ट नहीं हैं।
लोको पायलट यूनियन लंबे समय से ड्यूटी के दौरान महिलाओं के लिए अलग वाशरूम, रेल इंजन में भी वाशरूम की सुविधा, सिग्नल के पास Toilet का निर्माण, प्रेग्नेंसी या बच्चे की देखभाल के लिए अनिवार्य तौर पर छुट्टी, मालगाड़ी में ड्यूटी के दौरान हर ट्रिप के बाद मदर लोको पायलट की मुख्यालय वापसी की सुविधा की मांग कर रही हैं।
All India Railwaymens Federation और National Federation of Indian Railwaymen ने हाल में इस बाबत रेलवे बोर्ड से शिकायत की थी। उन्होंने कहा था कि रेलवे की महिला स्टाफ को लैंगिक असमानता का सामना करना पड़ा है। उनके लिए ड्यूटी कर पाना आसान नहीं रह गया है। खासकर Women Loco Pilot को ट्रेन के इंजन में वाशरूम न होने से भारी कठिनाई होती है। रेलवे दफ्तरों में भी उनके लिए अलग से वाशरूम नहीं है। इस मुश्किल के कारण वे अपनी जॉब कैटेगरी बदलने की मांग कर रही हैं। उन्होंने बताया कि नीति बनने के बाद भी देश के सभी जोन में इसका पालन ढंग से नहीं हो रहा है।
रेलवे बोर्ड का लेटर सिर्फ औपचारिकता : लोको पायलट
बोर्ड ने इसके बाद सभी जोन को सख्त लेटर जारी किया है। उसने लेटर में कहा कि बोर्ड दफ्तर में इस इश्यू को एग्जामिन किया गया और Gender Neutral Policy को ढंग से लागू करने की हिदायत दी जाती है। Zonal Railway/ Production Units ऐसी समस्याओं को प्राथमिकता में लेकर इसका समाधान करें। बोर्ड के इस लेटर पर महिला लोको पायलट का कहना है कि हम कई साल से ऐसी मांग कर रहे हैं। लेकिन बोर्ड सिर्फ लेटर लिखकर औपचारिता पूरी कर देता है। जोन या प्रोडक्शन यूनिट में किसी भी तरह इस ओर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। इसलिए हम चाहते हैं कि हमारी जॉब कैटेगरी चेंज कर हमें दफ्तर में तैनाती दे दी जाए।
Hindi News / National News / Train Engine में नहीं है महिला ड्राइवरों के लिए Washroom, रेलवे बोर्ड के पास रखी डिमांड