आम आदमी पार्टी के विधायकों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा “मैं विपक्ष को ज्यादा सवाल पूछने का मौका दे रहा हूं, क्योंकि मैं इन्हीं की बिरादरी का रहा हूं। हम 10 साल विपक्ष में रहे और सवाल पूछने के लिए तरसते रहे। इसलिए मैं अब आम आदमी पार्टी को ज्यादा मौका दे रहा हूं। मैं आपके दर्द को समझ सकता हूं, क्योंकि मैंने वो दर्द सहन किया है।”
विधानसभा अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता की बात पर भड़े ‘आप’ विधायक
इसी बीच दिल्ली विधानसभा अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता की एक बात पर आम आदमी पार्टी के विधायक भड़क उठे। इसके बाद उन्होंने फिर हंगामा किया। आम आदमी पार्टी के विधायकों ने प्रश्नकाल के दौरान पीडब्ल्यूडी मंत्री प्रवेश वर्मा पर नेता प्रतिपक्ष आतिशी से बदतमीजी से बात करने का आरोप लगाया। आम आदमी पार्टी के विधायकों का कहना था “सीएम रेखा गुप्ता पिछले दो दिनों से विधानसभा में नहीं आ रही हैं। इसपर नेता प्रतिपक्ष आतिशी जी ने सवाल उठाया तो मंत्री प्रवेश वर्मा ने उनसे बदतमीजी के साथ बात की। जब हमने इसका विधानसभा अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता जी से विरोध जताया तो उन्होंने प्रवेश वर्मा पर एक्शन लेने की जगह हमें ही बाहर निकाल दिया।” यह भी पढ़ें
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दिल्ली की कानून और व्यवस्था पर जवाब दे रहे थे विजेंद्र गुप्ता
दरअसल, दिल्ली विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता नेता प्रतिपक्ष आतिशी के उस पत्र का जवाब दे रहे थे। जिसमें उन्होंने दिल्ली की कानून व्यवस्था को लेकर सदन में चर्चा की मांग की थी। विजेंद्र गुप्ता ने कहा कि सदन में चर्चा के लिए विशेष उल्लेख नोटिस दिल्ली सरकार के अधिकार क्षेत्र के विषयों से संबंधित होने चाहिए। दिल्ली में कानून और व्यवस्था दिल्ली सरकार के अधिकार क्षेत्र में नहीं आती है। इसलिए इस पर विधानसभा के अंदर चर्चा नहीं की जा सकती। इसपर आम आदमी पार्टी के विधायक भड़क उठे।आतिशी ने विजेंद्र गुप्ता को लिखा था पत्र
दिल्ली विधानसभा में विपक्ष की नेता आतिशी ने एक दिन पहले विधानसभा अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता को पत्र लिखा था। इसमें उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा था कि दिल्ली की कानून व्यवस्था ध्वस्त हो चुकी है। इसपर सदन में चर्चा होनी चाहिए। आतिशी ने तर्क दिया कि विधायक हमेशा अपने निर्वाचन क्षेत्रों से संबंधित मुद्दे उठाते रहे हैं। आतिशी ने सवाल किया कि बलात्कार, गोलीबारी और महिलाओं के खिलाफ हिंसा जैसे अपराधों पर चर्चा क्यों रोकी जा रही है? आतिशी ने अपने पत्र में लिखा था “अगर दिल्ली विधानसभा में बैठे 70 सदस्य अपने क्षेत्रों में बढ़ते अपराध के मुद्दे नहीं उठा सकते, तो कौन उठाएगा?” यह भी पढ़ें