दिल्ली विधानसभा में ऊर्जा मंत्री ने दिया था ये जवाब
दरअसल, सोमवार को दिल्ली विधानसभा के प्रश्नकाल में सुल्तानपुर माजरा से
आम आदमी पार्टी विधायक ने पावर पर्चेज एडजस्टमेंट चार्ज को लेकर सवाल किया। उन्होंने पूछा कि 20 फरवरी से पहले पीपीएसी कितना था और 20 फरवरी के बाद कितनी बढ़ोतरी हुई। इसके साथ ही आम आदमी पार्टी के अन्य विधायकों ने पूछा कि दिल्ली का रेगुलेटरी एसेट्स कितना है?
इसके जवाब में
रेखा गुप्ता सरकार में ऊर्जा मंत्री आशीष सूद ने कहा “पिछले 10-11 साल तक दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार रही। इतने सालों तक सरकार में रहने के बाद आम आदमी पार्टी ने रेगुलेटरी एसेट्स के रूप में दिल्ली की जनता के सिर पर 27 हजार करोड़ रुपये कर्ज छोड़ा है। यह कर्ज सिर्फ आम आदमी पार्टी की गैर जिम्मेदाराना नीतियों के चलते हुआ है। आम आदमी पार्टी ने जनता के सिर पर न सिर्फ कर्ज लाद दिया, बल्कि बिजली कंपनियों को वह कर्ज वसूलने का अधिकार भी दे दिया।”
सोमवार को ऊर्जा मंत्री ने विधानसभा में क्या कहा था?
एएनआई के अनुसार, दिल्ली के बिजली मंत्री आशीष सूद ने सोमवार को विधानसभा में बिजली की कीमतों में संभावित वृद्धि का संकेत दिया था। बिजली मंत्री आशीष सूद ने कहा था “बकाया राशि वसूलने के लिए डिस्कॉम को दरें बढ़ाने का अधिकार है। पिछली सरकार के कार्यकाल में हाईकोर्ट के आदेश पर डीईआरसी को टैरिफ ऑर्डर लाने का आदेश दिया गया था, लेकिन वह सरकार जनता के हितों की रक्षा नहीं कर सकी। आने वाले समय में बिजली की कीमतें बढ़ेंगी और शायद कुछ लोग अपने राजनीतिक लाभ के लिए ऐसा चाहते भी हैं। हालांकि, सरकार डीईआरसी के संपर्क में है और स्थिति पर बारीकी से नजर रख रही है।” दिल्ली में अभी बिजली के दाम नहीं बढ़ेंगे। ऊर्जा मंत्री आशीष सूद ने सोमवार को विधानसभा में दिए गए बयान पर अब यूटर्न ले लिया है। मंत्री आशीष सूद ने सोमवार को कहा कि पिछली सरकार की गलतियों के बाद भी भाजपा सरकार दिल्ली की जनता पर बिजली के दामों का अतिरिक्त बोझ नहीं पड़ने देगी। हमारी सरकार बिजली की कीमतों को नियंत्रित करने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है।
आम आदमी पार्टी का पेश किया रिकॉर्ड
दिल्ली के ऊर्जा मंत्री आशीष सूद ने कहा “दिल्ली में जब आम आदमी पार्टी की सरकार थी तो यह दावा किया जाता था कि बिजली के दामों में बढ़ोतरी नहीं हो रही है। लेकिन आंकड़े बता रहे हैं कि साल 2014-15 में आम आदमी पार्टी सत्ता में आई। इस दौरान 200 यूनिट तक बिजली दर 4.47 रुपये प्रति यूनिट थी। अब 10-11 साल बाद आम आदमी पार्टी के सत्ता से बाहर होने के बाद 200 यूनिट तक बिजली दर 4.59 रुपये प्रति यूनिट हो गई। जबकि साल 2014-15 में 801 से 1200 यूनिट तक बिजली की कीमत 8.03 रुपये प्रति यूनिट थी। जो फरवरी 2025 में 10.71 रुपये प्रति यूनिट हो गई है। ऐसे में आम आदमी पार्टी का बिजली दरें नहीं बढ़ाने का दावा फर्जी है।”