दिल्ली में मजदूरी करने वाले माता-पिता पर टूटा दुखों का पहाड़
यह मामला उत्तर प्रदेश के झांसी स्थित बबीना थाना क्षेत्र के गांव लहर ठाकुरपुरा का है। जहां बीती 18 फरवरी को गांव निवासी 28 साल के बृजेंद्र रायकवार की ललितपुर निवासी एक युवती से शादी हुई थी। दिल्ली में रहकर मजदूरी करने वाले बृजेंद्र के पिता रामनाथ रायकवार और माता गुलाब देवी ने बताया कि बृजेंद्र का छोटा भाई मध्य प्रदेश के इंदौर में नौकरी करता है। गुलाब देवी ने बताया कि शादी के बाद से ही बहू के तेवर बदल गए थे। सास ससुर और ससुरालीजनों से दूर की बात है। उसका अपने पति के साथ ही रिश्ता सही नहीं था। शादी के बाद एक दिन भी बेटा-बहू साथ नहीं रहे। गुलाब देवी बताती हैं “शादी के बाद मायके से विदा होकर घर आई बहू ने सुहागरात में ही बखेड़ा खड़ा कर दिया। इससे बेटा बहुत परेशान रहता था। रोज घर में लड़ाई-झगड़े होते थे। इसके चलते हम पति-पत्नी दिल्ली आ गए। जबकि छोटा बेटा इंदौर चला गया। इसके बाद घर में सिर्फ बड़ा बेटा बृजेंद्र और बहू रह गए थे, लेकिन इसके बावजूद दोनों में रिश्ता नहीं सुधरा। इसी बीच एक दिन पता चला कि बहू दो महीने की प्रेग्नेंट है। इसपर हम लोगों ने बहू के मायके वालों से बात की तो उन लोगों ने फर्जी केस में फंसाने की धमकी देकर हमें चुप करा दिया। जबकि बहू का उसके गांव के ही एक युवक से अवैध संबंध था, लेकिन उन लोगों ने बेटी का ही पक्ष लिया।”
बहू का दूसरे युवक से चल रहा था प्रेम प्रसंग
मृतक बृजेंद्र की मां गुलाब देवी ने आगे बताया “बहू का अपने मायके में एक युवक से प्रेम संबंध था और गर्भ में उसी का बच्चा था। बृजेंद्र को जब यह सच्चाई पता चली तो वह अंदर से टूट गया, लेकिन हम लोगों ने उसे समझाया और बच्चे को अपनाने की बात कही। बृजेंद्र ने भी मेरी बात मानी और बहू को अपना लिया। इसके बावजूद बहू और उसकी मां के व्यवहार से बृजेंद्र मानसिक रूप से परेशान रहने लगा।”
26 मई को दूल्हे ने कर लिया सुसाइड
गुलाब देवी बताती हैं कि उन्होंने बहू से भी कहा था कि उसे जिंदगी भर किसी चीज की कमी नहीं होने दी जाएगी। बस वह सिर्फ घर में शांति बनाए रखे। लेकिन बहू आए दिन झगड़े करती रही। आखिरकार बृजेंद्र यह सब सहते-सहते टूट गया। इसी के चलते बीते सोमवार को उसने जहर खा लिया। रात को बहू ने ही दिल्ली में फोन कर सास-ससुर को घटना की जानकारी दी। इसपर दिल्ली में मजदूरी कर रहे सास-ससुर भागकर झांसी पहुंचे। वह बृजेंद्र को पहले बबीना सीएचसी और फिर झांसी मेडिकल कॉलेज ले गए। जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। अपने बड़े बेटे की मौत पर मां गुलाब देवी का रो-रोकर बुरा हाल है। वह बार-बार यही कहती हैं-“मेरा बेटा अब मुझे अकेला छोड़कर चला गया।”