केजरीवाल व आप के नेताओं ने चुनाव आयोग से शिकायत की, जिसके बाद उन्होंने पत्रकार वार्ता में कहा कि नई दिल्ली विधानसभा में कुल एक लाख मतदाता है। जबकि 15 दिसंबर से 7 जनवरी तक 22 दिन में करीब 5 फीसदी वोट यानि 5500 वोट कटने के लिए आयोग के पास आ गए हैं। जब चुनाव आयोग ने सुनवाई की और शिकायत करने वाले लोगों को बुलाया गया तब उन्होंने बताया कि उन्होंने कोई अर्जी नहीं दी थी। इसका मतलब बड़े स्केल पर स्कैम चल रहा है। उन्होंने कहा कि इसके साथ-साथ 15 दिन में नई दिल्ली विधानसभा में 13000 नए वोट बनने कई अर्जी आई है। उत्तर प्रदेश और बिहार से लोगों को लाकर फर्जी वोट बनवा रहे हैं। उन्होंने भाजपा उम्मीदवार प्रवेश वर्मा खुलेआम जॉब कैंप लगाने की शिकायत की। केजरीवाल ने कहा कि वर्मा खुलेआम पैसे बांट रहे हैं। महिलाओं को खुले में 1100 रुपए बांटने का आरोप लगाया है। इसलिए उन्हें चुनाव लडऩे से वर्जित किया जाना चाहिए। उन्होंने वर्मा के घर रेड डालने की अपील की है। केजरीवाल ने कहा कि भाजपा नेता नौकरियों का झांसा देकर लोगों से वोट मांग रहे हैं और चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन कर रहे है। जिला निर्वाचन को तत्काल प्रभाव से सस्पेंड और ट्रांसफर करने की भी मांग की है।
जाट समाज के ओबीसी आरक्षण पर आप और भाजपा बेनकाब-देवेन्द्र
दिल्ली कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष देवेंद्र यादव ने बयान जारी कर कहा कि केंद्र की कांग्रेस सरकार ने जाट समाज को केंद्रीय सूची में दिल्ली सहित देश के नौ राज्यों में जाट आरक्षण 4 मार्च 2014 को प्रदान कर उसकी अधिसूचना जारी कर दी थी। दिल्ली के अलावा बिहार, गुजरात, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, मध्यप्रदेश, राजस्थान, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में जारी की थी। मगर सुप्रीम कोर्ट ने उसे 17/3/ 2015 के फैंसले में ख़ारिज कर दिया, क्योंकि केंद्र की मोदी सरकार ने उसकी पैरवी सुप्रीम कोर्ट में नहीं की। वहीं दिल्ली के तत्कालीन मुख्यमंत्री केजरीवाल ने उस वक़्त मुखरता से आवाज नहीं उठाई। अब जब दिल्ली में चुनाव हैं तो केजरीवाल और मोदी सरकार जाट समाज के भावनाओं से खेल रहे हैं जो बेहद शर्मनाक हैं।