सेवा शुल्क के लिए उपभोक्ताओं को बाध्य नहीं किया सकता
उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने इस मुद्दे पर स्पष्ट कहा कि इस कदम का उद्देश्य उपभोक्ताओं पर अनावश्यक आर्थिक बोझ को खत्म करना है। मंत्रालय ने यह भी दोहराया कि किसी भी होटल या रेस्टोरेंट को उपभोक्ताओं से सेवा शुल्क लेने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता। यदि उपभोक्ता सेवा शुल्क देना चाहते हैं तो यह पूरी तरह से उनकी इच्छा पर निर्भर करेगा और उन पर कोई दबाव नहीं डाला जाएगा। आईएएनएस के अनुसार, सीसीपीए ने साल 2022 में होटलों और रेस्टोरेंट्स में सेवा शुल्क से संबंधित अनुचित व्यापारिक प्रथाओं को रोकने और उपभोक्ता अधिकारों की रक्षा के लिए विशेष दिशानिर्देश जारी किए थे। इन दिशा-निर्देशों के अनुसार, किसी भी होटल या रेस्टोरेंट को खाने के बिल में स्वतः या डिफॉल्ट रूप से सेवा शुल्क जोड़ने की अनुमति नहीं है। इसके अतिरिक्त, किसी अन्य नाम से भी सेवा शुल्क वसूलना पूरी तरह वर्जित किया गया था।
ग्राहकों की इच्छा के खिलाफ नहीं ले सकते सेवा शुल्क
इन दिशा-निर्देशों के तहत यह भी अनिवार्य किया गया था कि उपभोक्ताओं को स्पष्ट रूप से सूचित किया जाए कि सेवा शुल्क पूरी तरह से स्वैच्छिक, वैकल्पिक और उनके विवेक पर निर्भर है। साथ ही यदि उपभोक्ता सेवा शुल्क देना नहीं चाहते हैं तो उनकी सेवा या प्रवेश पर कोई रोक नहीं लगाई जा सकती। दिल्ली उच्च न्यायालय ने 28 मार्च, 2025 को अपने एक फैसले में सीसीपीए द्वारा जारी दिशा-निर्देशों को बरकरार रखा था। इसके बावजूद, सीसीपीए को राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन नंबर 1915 पर मिली शिकायतों से जानकारी मिली कि कुछ रेस्टोरेंट उपभोक्ताओं की पूर्व सहमति के बिना बिल में सेवा शुल्क जोड़ते रहे हैं।
इन शिकायतों के आधार पर सीसीपीए अध्यक्ष निधि खरे ने मखना डेली, जीरो कोर्टयार्ड, कैसल बारबेक्यू, चायोस और फिएस्टा बाय बारबेक्यू नेशन के खिलाफ कार्रवाई करते हुए नोटिस जारी किया है। प्राधिकरण ने स्पष्ट किया है कि उपभोक्ता अधिकारों का उल्लंघन करने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी और उपभोक्ताओं को उनके पैसे वापस दिलाए जाएंगे। वहीं प्राधिकरण की इस कार्रवाई से दिल्ली के अन्य होटल और रेस्टोरेंट संचालकों में हड़कंप मचा है।
सीसीपीए क्या है?
केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (CCPA) उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 2019 की धारा 10 के तहत स्थापित एक नियामक निकाय है। इसका उद्देश्य उपभोक्ताओं के अधिकारों को बढ़ावा देना, उनकी रक्षा करना और उन्हें लागू करना है। साथ ही अनुचित व्यापार प्रथाओं और झूठे विज्ञापनों को रोकना है। यह सुनिश्चित करता है कि उपभोक्ताओं को उनके अधिकार प्राप्त हों और कोई भी उनकी रक्षा से वंचित न हो। CCPA उन प्रथाओं को रोकता है जो उपभोक्ताओं के हितों के विरुद्ध हैं। यदि कोई उल्लंघन करता है, तो CCPA उन पर जुर्माना लगा सकता है। CCPA उन उत्पादों या सेवाओं को वापस लेने का आदेश भी दे सकता है जो असुरक्षित या हानिकारक पाए गए हों।