दूसरी दिशा में हो गया विभाजन
बीना, खुरई विस क्षेत्र के स्थानीय लोग लंबे समय से पृथक जिले की मांग कर रहे हैं। बीते विस चुनाव में यह मांग बड़ा मुद्दा बन गई थी, लेकिन भाजपा के दो जिलाध्यक्षों के फॉर्मूले ने सागर जिले की आठ विस में से तीन दूसरी विधानसभाओं को चुनकर संगठन की रणनीति स्पष्ट कर दी है। वर्तमान में रहली, देवरी और बंडा विस दमोह संसदीय क्षेत्र के तहत आते हैं, शेष पांच सागर संसदीय क्षेत्र में हैं।
कांग्रेस में भी दो जिलाध्यक्ष, फॉर्मूला 7-1
कांग्रेस पार्टी में भी संगठन दो जिलाध्यक्षों के रूप में चल रहा है। इसमें जिला कांग्रेस कमेटी शहर के तहत सागर विधानसभा आती है, जबकि जिला कांग्रेस कमेटी ग्रामीण के तहत जिले की शेष सात विधानसभाएं आती हैं। कांग्रेस की तुलना में भाजपा ने अपने नवनियुक्त जिलाध्यक्षों का भार कम किया है और कांग्रेस के 7-1 फॉर्मूले की जगह 5-3 का पैटर्न अपनाया है।
जल्द होगा कार्यकारिणी का विस्तार
बताया जा रहा है कि दोनों ही जिलाध्यक्षों की कार्यकारिणी की घोषणा फरवरी के पहले सप्ताह में हो जाएगी, ताकि संगठन से जुड़ी गतिविधियों पर तत्काल प्रभाव से काम शुरू हो जाए। हालांकि बीना विस के संभावित उपचुनाव को छोड़ दिया जाए तो आगामी ढाई साल किसी भी प्रकार के चुनाव नहीं हैं।