संयुक्त राष्ट्र के मानवीय प्रमुख ने भी इजरायल द्वारा दी जा रही सहायता को ‘ऊंट के मुंह में जीरा’ करार दिया। इस संयुक्त बयान को पश्चिमी सहयोगियों की ओर से इजरायल को दी गई अब तक की सबसे तीखी चेतावनी माना जा रहा है। खास बात यह है कि ब्रिटेन और फ्रांस ने पहली बार इजरायल की कार्रवाइयों पर खुलकर विरोध दर्ज किया है, जबकि प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने भी यह स्वीकार किया है कि सहायता बहाल करने का निर्णय सहयोगियों के दबाव में लिया गया है।
नेतन्याहू ने की आलोचना नेतन्याहू ने संयुक्त बयान की तीखी आलोचना की। उन्होंने इजरायल की कार्रवाई का विरोध करने वाले सभी देशों पर 7 अक्तूबर 2023 के हमास के नरसंहार को पुरस्कृत करने का आरोप लगाया।
ब्रिटेन ने स्थगित की व्यापार वार्ता
गाजा में नए हमले के कारण ब्रिटेन ने मंगलवार को इजरायल के साथ मुक्त व्यापार वार्ता स्थगित कर दी, अपने राजदूत को तलब किया और वेस्ट बैंक के निवासियों के खिलाफ और प्रतिबंधों की घोषणा की। यूके के विदेश मंत्री ने गाजा में इजरायल के सैन्य हमले को ‘राक्षसी’ बताते हुए इसकी कड़ी निंदा की। इजरायली सेना ने पिछले सप्ताह गाजा में नया सैन्य अभियान शुरू करने की घोषणा की थी। गाजा में चिकित्सकों का कहना है कि पिछले आठ दिनों में इजरायली हमलों में 500 से अधिक लोग मारे गए हैं।