2019 में बना था यार्ड रिमॉडलिंग का प्रस्ताव
कटनी जंक्शन के जबलपुर एंड स्थित ए केबिन के पास की डायमंड क्रॉसिंग को हटाकर सीधे रेलपथ का निर्माण करने की योजना वर्ष 2019 में बनाई गई थी। तत्कालीन पश्चिम मध्य रेलवे महाप्रबंधक गौतम बनर्जी ने 14 दिसंबर 2019 को निरीक्षण कर यार्ड रिमॉडलिंग के साथ यात्री सुविधाओं के विस्तार के निर्देश दिए थे। लेकिन रेलवे ने ग्रेड सेपरेटर, दोहरीकरण और तीसरी लाइन पर फोकस करते हुए इस जरूरी काम को नजरअंदाज कर दिया।
क्या है डायमंड क्रॉसिंग और क्यों है परेशानी
रेलवे अफसरों के अनुसार यह डायमंड क्रॉसिंग अंग्रेजों के जमाने की है और तकनीकी रूप से अब बेहद पुरानी हो चुकी है। इसके उपकरण अब आसानी से उपलब्ध नहीं होते जिससे रखरखाव में परेशानी आती है। साथ ही, यह व्यवस्था ट्रेनों की गति को भी प्रभावित करती है। वर्तमान में ए केबिन के पास से गुजरने वाली सभी यात्री ट्रेनें महज 10-15 किमी प्रति घंटे की गति से प्लेटफॉर्म में प्रवेश करती हैं, जिससे समय की भारी बर्बादी होती है।
एनआई वर्क से क्या होगा फायदा
रेल विशेषज्ञों के मुताबिक, एनआई वर्क पूरा होने पर न सिर्फ ट्रेनों की गति 3 गुना बढकऱ 45 से 50 किलोमीटर प्रतिघंटा हो जाएगी, बल्कि प्लेटफॉर्म की कनेक्टिविटी भी बेहतर होगी। अभी जबलपुर से आने वाली गाडयि़ाँ केवल प्लेटफॉर्म क्रमांक 2 और 3 तक ही सीमित हैं। यदि इनमें से कोई प्लेटफॉर्म भरा हो तो ट्रेनों को आउटर या साउथ स्टेशन पर रोकना पड़ता है। एनआई वर्क पूरा होने पर प्लेटफॉर्म क्रमांक 4 से भी कनेक्टिविटी हो सकेगी।
हर रोज पिटती हैं 72 जोड़ी से ज्यादा ट्रेनें
इस समस्या का असर सबसे अधिक उन 72 जोड़ी यात्री ट्रेनों पर पड़ रहा है, जो रोजाना कटनी से होकर गुजरती हैं। इनमें सुपरफास्ट, मेल, एक्सप्रेस और पैसेंजर ट्रेनें शामिल हैं। रफ्तार में बाधा के चलते ये ट्रेनें या तो लेट होती हैं या फिर आउटर पर खड़ी रह जाती हैं। खनिज नियमों की अनदेखी: रिफैक्ट्रीज में बगैर अनुज्ञप्ति के खनिज भंडारण, सामने गंभीर मनमानी
स्टेशन मॉनिटरिंग भी बनेगी स्मार्ट
एनआई वर्क के साथ ए और बी केबिन को सेंट्रलाइज किया जाना प्रस्तावित है। इससे ट्रेनों की निगरानी एक स्थान से की जा सकेगी, जिससे परिचालन में सुगमता आएगी और घटनाओं की संभावना कम होगी। बता दें कि कटनी जंक्शन से पांच दिशाओं में रेलमार्ग जाते हैं। इसमें कटनी-बीना, कटनी-जबलपुर, कटनी-बिलासपुर, कटनी-सिंगरौली, कटनी-प्रयागराज रेलखंड शामिल है।
रेल मंडल ने मांगी रिपोर्ट
अब डायमंड क्रॉसिंग की स्थिति पर जबलपुर रेल मंडल ने स्थानीय अधिकारियों से यार्ड रिमॉडलिंग न होने से होने वाली समस्याओं और रिमॉडलिंग से होने वाले लाभों की रिपोर्ट मांगी है। संभावना है कि जल्द ही यह कार्य फिर से प्राथमिकता में शामिल हो। जंक्शन पर अंग्रेजों के जमाने की पुरानी क्रॉसिंग अब रेल व्यवस्था के लिए बड़ी बाधा बन चुकी है। प्रतिदिन लाखों यात्रियों की सुविधा और ट्रेनों की रफ्तार बढ़ाने के लिए एनआई वर्क को शीघ्रता से शुरू करना रेलवे की प्राथमिकता बननी चाहिए। वरना यात्री ट्रेनें यूं ही आउटर पर रेंगती रहेंगी।
स्टेशन प्रबंधक ने कही यह बात
संजय दुबे, स्टेशन प्रबंधक कटनी ने कहा कि कुछ दिनों में झलवारा में एनआइ वर्क होना है। पूर्व में स्टेशन के आउटर जबलपुर एंड के आगे डायमंड क्रॉसिंग में एनआइ वर्क के लिए योजना बनी थी। इस संबंध में आवश्यक जानकारी मुख्यालय के अफसरों ने मंगाई है, जिसमें संबंधित विभाग भेज रहे हैं। एनआइ होने से बड़ा फायदा होगा।