प्रधानमंत्री ने कहा, भारत संस्कृति और संस्कारों का देश है। सिंदूर हमारी परंपरा में नारी शक्ति का प्रतीक है। राम भक्ति में रंगे हनुमान जी ने भी सिंदूर धारण किया था। शक्ति पूजा में सिंदूर अर्पित करते हैं। यही सिंदूर अब शौर्य का प्रतीक बन गया है। पहलगाम में आतंकियों ने सिर्फ भारतीयों का खून नहीं बहाया, बल्कि हमारी संस्कृति पर भी हमला किया। उन्होंने भारत की नारी शक्ति को चुनौती दी, जो अब उनके लिए काल बन चुकी है। उन्होंने दोहराया, अब भारत आतंक का फन कुचलने में देरी नहीं करता। जो आतंकियों की मदद करेगा, उसे भी इसकी भारी कीमत चुकानी होगी।
नारी शक्ति को किया सैल्यूट कार्यक्रम के दौरान पीएम मोदी ने लोकमाता अहिल्याबाई होल्कर के योगदान को याद करते हुए उन्हें भारत की सुशासन परंपरा की प्रेरणा बताया। उन्होंने कहा, ‘शासन उनके लिए जनता की सेवा था। अहिल्याबाई ने गुलामी के कठिन दौर में काशी, महेश्वर और अन्य तीर्थों का पुनर्निर्माण कर संस्कृति को जीवित रखा।’ महिला सशक्तिकरण का संदेश देते हुए मोदी ने कहा, ‘चुनौती कितनी भी बड़ी हो, हमारी बेटियां विजय पा सकती हैं। आज वे नक्सलवाद और सीमापार आतंक के विरुद्ध भारत की सुरक्षा की ढाल बन रही हैं।’
इस सम्मेलन में देशभर से आई जनजातीय महिला कलाकारों को राष्ट्रीय देवी अहिल्याबाई पुरस्कार से सम्मानित किया गया। प्रधानमंत्री ने देवी अहिल्याबाई को समर्पित स्मारक डाक टिकट और 300 रुपए का विशेष सिक्का भी जारी किया।
विकास के कामों की सौगात कार्यक्रम के बाद पीएम मोदी ने इंदौर मेट्रो की येलो लाइन का वर्चुअल उद्घाटन किया, जिसमें पांच स्टेशन वीरांगनाओं के नाम पर हैं। उन्होंने दतिया और सतना के नए हवाई अड्डों का भी वर्चुअल लोकार्पण किया और 1271 अटल ग्राम सुशासन भवनों के लिए ₹480 करोड़ की पहली किस्त जारी की। उन्होंने कहा, ‘मध्य प्रदेश विकास और विरासत, दोनों में अग्रणी हो रहा है।’