बाघ का मूवमेंट मिलते ही पूरे गांव में सन्नाटा पसर गया, नकबही नदी में पगमार्क मिलने के बाद यह साफ हो गया कि बाघ आसपास के क्षेत्र में ही घूम रहा है। दिन भर किसान अपने खेती किसानी के काम को छोडकऱ घर में थे। बड़ी घटना के बाद भी वन विभाग लापरवाही बरत रहा है। दहशत से पूरे दिन लोग अपने घरों से नहीं निकले।
शिव नारायण द्विवेदी, ग्रमीण सिंहपुर
शाम करीब 7 बजे घर से करीब 20 मीटर की दूरी में बाघ ने गाय पर हमला कर दिया, गाय के चिल्लाने की आवाज आई तो टार्च लेकर दौड़े। देखा कि बाघ ने गाय को दबा कर रखा था, टार्च की रोशनी पड़ते ही मवेशी को छोडकऱ धीरे-धीरे भाग गया, लेकिन पूरी रात दहशत बनी रही और निगरानी करते रहे। क्योंकि बाघ जिस पर हमला करता उसका पूरा शिकार करने के लिए दोबारा आता है।
चंदेश मिश्रा, किसान सिंहपुर
पचगांव में दिन भर लोग दहशत में रहे, परिजन बच्चों को घर से बाहर भेजने में भी परहेज करते रहे, जिन किसानों के खेत जंगल में हैं वह अपने खेत नहीं जा पा रहे हैं। दोपहर में तिवारी तालाब के पास बाघ के होने की जानकारी मिलने पर वन विभाग को सूचित किया गया। वन विभाग मौके पर पहुंचकर सर्चिंग शुरू की, लेकिन कोई लोकेशन नहीं मिली।
प्रिंस सिंह बघेल, किसान पचगांव
बाघ की लास्ट लोकेशन सिंहपुर में मिली है, इसके बाद किसी तरह की जानकारी नहीं मिली। घटना बढऩे पर रेस्क्यू कर पकड़ा जाएगा। इसके लिए बाघ की विशेष निगरानी की जाएगी। वन्य प्राणी शल्य चिकित्सकों की टीम के माध्यम से ट्रेंकुलाइज करने के बाद ही रेस्क्यू किया जा सकता है।
नरेश विश्वकर्मा, रेंजर शहडोल