सिरोही शहर के 80 वर्षीय जहूर भाई अब तक 104 बार रक्तदान कर चुके हैं। जहूर भाई बताते हैं कि 1975 में पहली बार रक्तदान किया था। उस दौरान उनके पास एम्बुलेंस की तरह से गाड़ी थी, जिससे मरीजों व शवों को उधर-उधर पहुंचाते थे। सिरोही अस्पताल में रोजाना आना जाता रहता था। उस समय लोगों को जब रक्त की जरूरत होती थी और देने वाला कोई नहीं होता तो वे स्वयं रक्तदान कर देते। वे अब तक 104 बार रक्तदान कर चुके।
पिण्डवाड़ा के नितेश हर तीसरे माह करते हैं रक्तदान
पिण्डवाड़ा के 43 वर्षीय नितेश कुमार रावल हर तीसरे माह रक्तदान करते हैं। नितेश ने 17 साल की आयु से रक्तदान करना शुरू किया, जो आज भी जारी है। किसी की दुर्घटना होने पर तो कभी-कभी दो-दो बार भी रक्तदान कर देते हैं। वे अब तक कई लोगों का जीवन बचा चुके हैं। उनका कहना है कि अपने के लिए तो सब करते हैं, जरूरतमंद के लिए करना सबसे बड़ा पुण्य का कार्य है। इसी उद्देश्य को लेकर रक्तदान करना शुरू किया था।
सिरोही के प्रकाश 26 बार कर चुके रक्तदान, दूसरों को भी करते प्रेरित
सिरोही शहर के समाजसेवी प्रकाश प्रजापति भी रक्तदान के क्षेत्र में एक अनोखा कार्य कर रहे हैं। वे अब तक 26 से अधिक बार रक्तदान कर चुके हैं। समय-समय पर रक्तदान शिविर आयोजित कर अन्य लोगों को भी प्रेरित करते हैं। प्रजापति बताते हैं कि मरीजों को रक्त की आवश्यकता होने पर मैं खुद रक्तदान कर देता हूं और अन्य को प्रेरित कर रक्त दिलवाता हूं।