प्रवर्तन अधिकारी ने क्या कहा ?
संभागीय परिवहन अधिकारी (प्रवर्तन) डॉ. उदित नारायण पांडेय ने बताया कि अब तक कुल 266 ओवरलोड गाड़ियों से 1 करोड़ 48 लाख रुपये का जुर्माना लिया जा चुका है, जो कि पिछले साल की तुलना में करीब तीन गुना ज्यादा है। ये कार्रवाई इसलिए की जा रही है ताकि ओवरलोडिंग पर काबू पाया जा सके।
ज्यादा वजन न ढोने की अपील
डॉ. पांडेय ने गाड़ी मालिकों और चालकों से अपील की है कि वे अपनी गाड़ी की तय क्षमता से ज्यादा वजन न ढोएं। ऐसा करने से न सिर्फ उनकी सुरक्षा बनी रहेगी, बल्कि सड़कें, वाहन और पर्यावरण भी सुरक्षित रहेंगे। उन्होंने ट्रक और मिनी ट्रक चालकों को चेतावनी भी दी कि ओवरलोडिंग कानून के खिलाफ है और इससे जान-माल दोनों को खतरा होता है।
ओवरलोडिंग से बढ़ सकते हैं सड़क हादसे
उन्होंने समझाया कि ओवरलोडिंग से सड़क हादसे बढ़ सकते हैं। गाड़ी का बैलेंस बिगड़ जाता है जिससे ब्रेक फेल हो सकते हैं, टायर फट सकते हैं या गाड़ी पलट सकती है। इससे गाड़ी भी जल्दी खराब होती है क्योंकि इंजन, ब्रेक, टायर और सस्पेंशन पर ज़्यादा दबाव पड़ता है। भारी गाड़ियों से सड़कों पर गड्ढे और दरारें भी बनती हैं, जिससे सरकार को बार-बार मरम्मत करानी पड़ती है। इतना ही नहीं, ओवरलोड गाड़ियां ज्यादा फ्यूल खपत करती हैं, जिससे खर्च और प्रदूषण दोनों बढ़ते हैं इसलिए, बेहतर यही है कि तय नियमों का पालन करें और ओवरलोडिंग से बचें।
ओवरलोडिंग पर 20 हजार का जुर्माना
मोटर वाहन कानून के मुताबिक, ओवरलोडिंग पर 20,000 रुपये का जुर्माना और हर टन एक्स्ट्रा पर 2,000 रुपये का जुर्माना लगता है। साथ ही गाड़ी जब्त हो सकती है और परमिट या लाइसेंस भी रद्द किया जा सकता है। ओवरलोड गाड़ियाँ धीरे चलती हैं, बार-बार खराब होती हैं और वक्त की भी बर्बादी करती हैं।