मीडियाकर्मियों से बात करते हुए पवन कल्याण ने आतंकी हमले की कड़ी निंदा की। उन्होंने कहा कि मधुसूदन की उनकी पत्नी और नाबालिग बच्चों के सामने बेरहमी से हत्या कर दी गई। उपमुख्यमंत्री ने आतंकवादियों को जहां कहीं भी हो, खत्म करने का आह्वान किया। उन्होंने सोशल मीडिया पर पोस्ट किया कि पहलगाम में हुए भीषण हमले ने हमें अंदर तक झकझोर कर रख दिया है।
तीन दिन तक आधा झुका रहेगा जन सेना पार्टी का झंडा
उन्होंने कहा कि शोक संतप्त परिवारों के प्रति मेरी संवेदना है। सम्मान और एकजुटता के प्रतीक के रूप में, जनसेना तेलुगु राज्यों में तीन दिनों का शोक मनाएगी। हमारी पार्टी का झंडा आधा झुका रहेगा। इस अंधेरे समय में, हम दृढ़ हैं। हमारे भारत की एकता को आतंक से नहीं तोड़ा जा सकता। मुझे पूरा विश्वास है कि हमारा नेतृत्व न्याय सुनिश्चित करने के लिए शक्ति और उद्देश्य के साथ जवाब देगा और इस तरह के अत्याचार फिर कभी नहीं होंगे। हम साथ मिलकर जीतेंगे। हम साथ मिलकर ठीक होंगे। इससे पहले, मधुसूदन का पार्थिव शरीर उनके गृहनगर कावली पहुंचा। 42 वर्षीय सॉफ्टवेयर इंजीनियर, जो बेंगलुरु में रह रहे थे, मंगलवार को कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में मारे गए 26 पर्यटकों में शामिल थे। मधुसूदन का पार्थिव शरीर बुधवार रात चेन्नई एयरपोर्ट पहुंचा और फिर सडक़ मार्ग से कावली लाया गया। तिरुपाल और पद्मवती अपने बेटे का शव देखकर स्तब्ध रह गए। रिश्तेदारों ने उन्हें उनकी मौत के बारे में नहीं बताया था। उन्हें बताया गया कि वह हमले में घायल हो गए थे। मधुसूदन राव तिरुपाल और पद्मावती के इकलौते बेटे थे, जो शहर में केले का कारोबार करते हैं।
वे पिछले 12 सालों से बेंगलुरु में रह रहे थे। यह तकनीकी विशेषज्ञ अपनी पत्नी कामाक्षी, बेटी और बेटे के साथ कश्मीर की यात्रा पर थे। मधुसूदन उन दो लोगों में से एक थे जो आंध्र प्रदेश के थे और इस आतंकी हमले में मारे गए थे। विशाखापत्तनम के सेवानिवृत्त बैंक कर्मचारी जे.एस. चंद्रमौली भी आतंकियों की गोलियों का शिकार हुए।
मुख्यमंत्री नारा चंद्रबाबू नायडू ने बुधवार रात विशाखापत्तनम एयरपोर्ट पर चंद्रमौली के पार्थिव शरीर को प्राप्त किया था। मुख्यमंत्री ने पुष्पांजलि अर्पित की और शोक संतप्त परिवार को सांत्वना दी। राष्ट्रीय सुरक्षा के प्रति राज्य की प्रतिबद्धता की पुष्टि करते हुए नायडू ने आंध्र प्रदेश के दो शहीदों – चंद्रमौली और कावली के आईटी पेशेवर मधुसूदन के परिवारों के लिए 10-10 लाख रुपये की अनुग्रह राशि की घोषणा की।