स्पेशल चाइल्ड केयर यूनिट की सुरक्षा भगवान भरोसे मेडिकल कॉलेज अस्पताल में स्पेशल चाइल्ड केयर यूनिट की सुरक्षा भगवान भरोसे है। अस्पताल में बीस बेड़ के एसनसीयू में शिशुओं की सुरक्षा को लेकर जिम्मेदार लापरवाह बने हुए हैं। फायर एक्जिट का निर्माण करना तो दूर यूनिट में बाहर से आने-जाने वाले तीमारदारों की भीड़ जमा हा रही है। इससे शिशुओं में इंफेक्शन फैलने की आशंका रहती है। रविवार दोपहर कोर यूनिट में स्टाफ नर्स मोबाइल में व्यस्त रहीं। इससे पहले कंट्रोल यूनिट में कर्मचारी कंप्यूटर पर व्यस्त रहे। और गैलरी में एसएनसीयू के मेन गेट पर तीमारदारों की भीड़ को रोकने वाला कोई नहीं रहा। यूनिट का दरवाजा बार-बार खुलने से शिशुओं इंफेक्शन फैलने की आशंका बढ़ गई है। गेट से सुरक्षा कर्मचारी भी गायब रहा। मौजूद चिकित्सक और स्टाफ भी तमाशबीन रहे।
कोर यूनिट में सिर्फ मां को देखने की अनुमति एसएनसीयू के कोर यूनिट यानी जिस जगह पर शिशुओं को रखा गया है। इससे पहले कंट्रोल यूनिट यानी जिस जगह पर इंट्री आदि की प्रक्रिया पूरी की जाती है। प्रभारी डॉ कृष्णा वास्केल का कहना कि कोर यूनिट में मोबाइल प्रतिबंध है। वहां सिर्फ मां को अनुमति दी जाती है। शेष परिजनों के लिए गैलरी के पहले ही समझाइश और उनकी चिंता को दूर कर कर दिया जाता है।
इनका कहना…डॉ कृष्णा वास्केल, प्रभारी, एसएनसीयू…रविवार को मेरा ऑफ था, इस लिए मैं नहीं गया। एसएनसीयू के कोर यूनिट में सिर्फ मां को प्रिकॉशन के साथ प्रवेश की अनुमति रहती है। शेष किसी को नहीं है। यहां तक स्टाफ भी पूरी तरह प्रिकॉशन में रहते हैं। शिशुओं को किसी तरह सुरक्षित रखा जाता है। गैलरी के बाहर ही परिजनों की चिंता को दूर कर दिया जाता है।
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