सम्पादकीय : देशहित पर एकजुटता लोकतंत्र की खूबसूरती
तमाम वैचारिक मतभेदों के बावजूद जब बात देशहित की आती है तो पक्ष-प्रतिपक्ष एक खड़ा नजर आता है। यही भारतीय लोकतंत्र की सबसे बड़ी खूबसूरती है। ऐसी ही खूबसूरती गुरुवार को केन्द्र सरकार की ओर से ‘ऑपरेशन सिंदूर ’ की जानकारी देने के लिए बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में नजर आई।


तमाम वैचारिक मतभेदों के बावजूद जब बात देशहित की आती है तो पक्ष-प्रतिपक्ष एक खड़ा नजर आता है। यही भारतीय लोकतंत्र की सबसे बड़ी खूबसूरती है। ऐसी ही खूबसूरती गुरुवार को केन्द्र सरकार की ओर से ‘ऑपरेशन सिंदूर ’ की जानकारी देने के लिए बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में नजर आई। बैठक में तमाम विपक्षी दलों ने दलीय विचारधारा से ऊपर उठकर पहलगाम के गुनहगारों को सजा देने के लिए की गई सरकार व सेना की कार्रवाई का खुले मन से समर्थन किया। न केवल समर्थन किया बल्कि प्रतिपक्षी नेताओं ने सरकार को यह भी भरोसा दिलाया कि संकट की इस घड़ी में वे सेना व सरकार के फैसलों के साथ हैं।
बौखलाहट में पाकिस्तान की जवाबी कार्रवाई की धमकियां और नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर बढ़ते तनाव के बीच रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस बैठक में आमंत्रित नेताओं को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ व इसके बाद की सुरक्षात्मक तैयारियों की जानकारी बैठक में मौजूद प्रमुख राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों को दी। कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने बैठक के बाद भी कहा कि संकट की इस घड़ी में हम सब सरकार के साथ हैं और देशहित में सरकार के साथ रहेंगे। कमोबेश ऐसी ही राय दूसरे प्रतिपक्षी नेताओं की भी रही। पुलवामा हमले के बाद बालाकोट एयर स्ट्राइक पर कांग्रेस समेत कई दूसरे विपक्षी नेताओं ने सवाल खड़े किए थे। संतोष की बात यह है कि ऐसे सवाल इस बार सामने नहीं आए। जाहिर है राजनीति करने का यह वक्त नहीं है। पाकिस्तान समर्थित आतंकियों ने जिस तरह पहलगाम में बेकसूर पर्यटकों की बेरहमी से हत्या की उससे देश भर में सरकार से आतंकियों व उनके आकाओं को सबक सिखाने की मांग हो रही थी। तब भी विपक्षी दलों ने सरकार की ओर से उठाए जाने वाले कदमों का बिना शर्त समर्थन करने का ऐलान किया था। इतना जरूर है कि तब पर्यटकों की सुरक्षा व खुफिया तंत्र की विफलता को लेकर विपक्षी नेताओं ने सवाल उठाए थे। ऑपरेशन सिंदूर के बाद कांग्रेस ने भी अपने तमाम राजनीतिक कार्यक्रमों को रोककर देश हित को सर्वापरि रखने का संदेश दिया है। तारीफ की बात यह भी कि तमाम दूसरे राजनेता भी सुरक्षा के मुद्दे पर संयमित रहकर प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं। भारतीय सेना ने दुश्मन के घर में छिपे आतंकियों के अड्डों का सफाया कर न केवल अपने पराक्रम का परिचय दिया है बल्कि हमारी सैन्य शक्ति का अहसास भी कराया है।
पाकिस्तान की किसी भी प्रतिक्रिया का जवाब देने में हम कितने सक्षम हैं इसका भी अंदाजा लाहौर में भारतीय सेना के ड्रोन हमले से दुनिया को हो ही गया है। हमारी सेना ने पाकिस्तान का एयर डिफेंस सिस्टम तबाह कर दिया है। पाकिस्तान को किसी भी तरह के जवाबी हमले के गंभीर नतीजे भुगतने पड़ सकते हैं। आतंक के खिलाफ मुकाबले के लिए पक्ष-प्रतिपक्ष की यह एकजुटता ही सेना के मनोबल को बढ़ाने वाली ही है इसमें संशय नहीं।
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