डिजिटल गैजेट में स्मार्टफोन का इस्तेमाल जितना फायदेमंद साबित हुआ है, उतना ही नुकसान दायक भी साबित हुआ है। महिलाओं का आजकल स्मार्टफोन पर स्क्रीन टाइम बढ़ गया है, जिससे वो अपने बच्चे पर उचित ध्यान नही दे पातीं, जिससे बच्चे में मानवीय मूल्य और संस्कार का विकास रुक जाता है। स्मार्टफोन में सोशल साइट पर रील स्क्रॉलिंग में व्यतीत समय का पता नही चलता है जिससे सास, ससुर, पति को भी समय नही दे पाती और गृह क्लेश जैसी समस्याएं उत्पन्न होने लगती है। महिलाओं को चाहिए कि स्मार्टफोन का उपयोग उचित समय मे करते हुए इससे लाभ प्राप्त करे। – शंकर गिरि, रावतसर, हनुमानगढ(राजस्थान)
व्यक्तिगत जानकारी की गोपनीयता एवं सुरक्षा का ध्यान रखना चाहिए एवं इसी के साथ स्वास्थ्य एवं समय का मैनेजमेंट भी जरूरी है क्योंकि ज्यादा गैजेट्स का इस्तेमाल भी स्वास्थ्य एवं परिवार पर प्रभाव डालता है। – पायल मेनारिया, उदयपुर
महिलाएं जो मां हैं वो बच्चों को इंटरनेट का सुरक्षित उपयोग सिखाएं। पेरेंटल कंट्रोल का उपयोग करें ताकि अनुचित सामग्री तक बच्चों की पहुंच न हो। अनजान लिंक या संदिग्ध वेबसाइटों पर क्लिक न करें। महिलाएं मजबूत और यूनिक पासवर्ड का उपयोग करें। सोशल मीडिया से किसी भी ऑनलाइन उत्पीड़न की स्थिति में साइबर सेल या महिला हेल्पलाइन से संपर्क करें। स्क्रीन टाइम को नियंत्रित करें ताकि आंखों पर अधिक दबाव न पड़े। लंबे समय तक एक ही मुद्रा में गैजेट्स का उपयोग करने से बचें, जिससे पीठ और गर्दन की समस्या न हो। ऑनलाइन शॉपिंग या पेमेंट के दौरान केवल विश्वसनीय वेबसाइटों का ही उपयोग करें। अपनी बैंक डिटेल्स या ओटीपी किसी के साथ साझा न करें। कुछ समय के लिए गैजेट्स से दूरी को अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाएं। – डॉ. मुकेश भटनागर, भिलाई, छत्तीसगढ