दोनों फ्रेंचाइजी के बीच चल रही बोली में तभी बंगाल वॉरियर्स भी कूद पड़ी और बोली को बढ़ाकर 1.50 करोड़ रुपए तक पहुंचा दिया। इस पर पुनेरी पलटन ने एक बार फिर बोली बढ़ाई, जिसे बंगाल वॉरियर्स ने 1.75 करोड़ रुपए कर दिया।
इस पर पुनेरी पल्टन ने एक बार फिर आशु मलिक में दिलचस्पी ली, लेकिन बंगाल वॉरियर्स ने युवा भारतीय रेडर के लिए 1.90 करोड़ रुपए की पेशकश की। हालांकि बाद में दबंग दिल्ली ने आशु मलिक पर अपना एफबीएम कार्ड इस्तेमाल कर बंगाल वॉरियर्स की उम्मीदों पर पानी फेर दिया। इस तरह दबंग दिल्ली ने अगले दो पीकेएल सीजन के लिए खिलाड़ी को अपने साथ जोड़ लिया।
यह यह बता दें कि प्रो कबड्डी लीग (PKL) के पिछले दो सीजन आशु मलिक लगातार बेहतर प्रदर्शन करने वाले रेडर के तौर पर उभरे हैं। हरियाणा के 23 वर्षीय आशु मलिक ने पिछले दो सीजन दबंग दिल्ली की अगुआई की है। आशु मलिक 2021 में प्रो कबड्डी लीग में पदार्पण करने के बाद से दबंग दिल्ली का अभिन्न हिस्सा रहे हैं। प्रो कबड्डी लीग सीजन-12 के प्लेयर ऑक्शन से पहले उन्हें रिलीज कर दिया गया था। वह पिछले चार संस्करण दिल्ली दबंग का हिस्सा थे।
एफबीएम का नया नियम क्या है?
जब किसी कबड्डी खिलाड़ी की सबसे ऊंची बोली लग जाती है तो नीलामीकर्ता को उसकी पुरानी टीम से पूछना पड़ता है कि क्या वो उस खिलाड़ी के लिए एफबीएम कार्ड का इस्तेमाल करेंगे या नहीं। यदि फ्रेंचाइजी उस खिलाड़ी में रुचि दिखाती है और एफबीएम कार्ड का प्रयोग करना चाहती है तो उन्हें तत्काल एक सीजन या दो सीजन वाला कार्ड यूज करना होगा। ऐसे में जो कार्ड पहले उठाएंगे उसे फाइनल माना जाएगा। एफबीएम कार्ड यूज होने पर पुरानी टीम को वह खिलाड़ी उसी रकम में मिलेगा, जितनी बोली ऑक्शन के दौरान लगी थी।