18 वर्षीय गुकेश विश्वनाथन आनंद के बाद प्रतिष्ठित विश्व खिताब जीतने वाले दूसरे भारतीय हैं। इस ऐतिहासिक उपलब्धि का सम्मान करने के लिए, एआईसीएफ ने गुकेश के लिए 1 करोड़ रुपये और उनकी सपोर्ट टीम के लिए 50 लाख रुपये के नकद पुरस्कार की घोषणा की।
इसके अलावा, एआईसीएफ ने भारत की नंबर-1 महिला शतरंज खिलाड़ी कोनेरू हम्पी को भी सम्मानित किया। हम्पी ने हाल ही में 2024 फिडे महिला विश्व रैपिड शतरंज चैंपियनशिप जीती है। यह दूसरी बार था जब उन्होंने विश्व स्तरीय प्रतियोगिता जीती।
37 वर्षीय कोनेरू ने इरेन सुकंदर को हराकर खिताब जीता। कोनेरू को 50 लाख रुपये का पुरस्कार दिया गया, जबकि 2024 फिडे विश्व ब्लिट्ज शतरंज चैंपियनशिप के महिला वर्ग में कांस्य पदक जीतने वाली आर. वैशाली रमेशबाबू को भी 20 लाख रुपये का पुरस्कार दिया गया।
भारतीय ग्रैंड मास्टर्स की ये अविश्वसनीय जीत भारतीय शतरंज के स्वर्ण युग की शुरुआत करती है। 2024 में, भारतीय ग्रैंड मास्टर्स शतरंज की दुनिया पर छाए रहे। उन्होंने हंगरी में आयोजित फिडे शतरंज ओलंपियाड में स्वर्ण जीतकर एक मील का पत्थर जीत दर्ज की, जिसके बाद एआईसीएफ ने विजेताओं को 3.2 करोड़ रुपये की नकद राशि से पुरस्कृत किया|
इस अविश्वसनीय सफलता पर बधाई देते हुए एआईसीएफ के अध्यक्ष नितिन नारंग ने कहा, “ हमारे लिए यह बहुत गर्व की बात है कि हमारे प्रतिभाशाली खिलाड़ी शतरंज की दुनिया में जीत हासिल कर रहे हैं। जहां तक गुकेश की बीत है तो आपका धैर्य, आपकी दृढ़ता और कभी हार न मानने की आदत ही वह है जिसकी वजह से आप आज सबसे कम उम्र के विश्व चैंपियन हैं।”