जानकारी के अनुसार गुरुवार सुबह बलवना निवासी भेड़़पालक भोलाराम (25) पुत्र कानाराम देवासी अपनी भेड़ें और बकरियां चराने बलवना होते हुए जवाईबांध क्षेत्र के पहाड़ी क्षेत्र में पहुंचा। कुछ देर भेड-बकरियों को चराया। दोपहर बाद पहाड़ी क्षेत्र में एक पैंथर ने उस पर हमला कर दिया। हमले से घबराए पशुपालक जोर-जोर से चिल्लाने लगा। पैंथर ने उसकी गर्दन को दबोच लिया। हमले में पशुपालक की गर्दन समेत शरीर के ऊपरी हिस्से में जगह-जगह गहरे घाव हो गए। चिल्लाने की आवाज सुनकर आसपास खेतों में काम कर रहे लोग मौके पर पहुंचे। सूचना के बाद सुमेरपुर सिटी थानाधिकारी रविन्द्रसिंह व जवाईबांध पुलिस चौकी प्रभारी भी मय जाब्ता मौके पर पहुंचे। गंभीर घायल भेड़पालक को राजकीय उप जिला अस्पताल सुमेरपुर पहुंचाया। जहां उपचार के दौरान भेड़पालक की मौत हो गई। शव को चिकित्सालय की मोर्चरी में रखवाया है।
वन विभाग के अधिकारी पहुंचे मौके पर
सूचना के बाद उधर जिला मुख्यालय से वन विभाग के अधिकारी भी मौके पर पहुंचे और पैंथर की तलाश में जुटे रहे। रेंजर जितेंद्र मीणा व विक्रमसिंह राव ने जवाई बांध के हवामहल के निकट घटना स्थल से कुछ दूरी पर पिंजरा लगवाया। जिसमें पैंथर पकड़ा गया। पिंजरे को ट्रैक्टर ट्रॉली की सहायता से वन विभाग ने जवाई स्थित जंगलात चौकी पहुंचाया गया। जिला मुख्यालय के निर्देशानुसार संभावित तीन जगह पर पिंजरे लगाए गए।
जवाईबांध क्षेत्र में मौत की पहली घटना
सुमेरपुर के समीप स्थित जवाईबांध कंजर्वेशन एरिया में पैंथर की भरमार है, लेकिन किसी मानव पर हमला और मौत होने की पहली घटना सामने आई है। परिवार पर दुख की छाया
मृतक भोलाराम देवासी के पुत्र की होली पर ढूंढ थी। हंसी-खुशी से ढूंढ महोत्सव मनाया गया। दो साल पहले मृतक के एक भाई की नाडी में डूबने से मौत हो गई थी। इस घटनाओं से परिवार के लोगों का रो-रोकर बुरा हाल है। उधर, देवासी समाज के लोगों ने भी मृतक के परिजनों को मुआवजा देने की मांग प्रशासन के सामने रखी है।