क्यों बढ़ी आवासीय प्रमाण पत्र की मांग
दरअसल, बिहार में मतदाता सूची का गहन पुनरीक्षण में नाम जुड़वाने के लिए जिन 11 दस्वेजों की जरुरूत पड़ रही उसमें से एक आवसीस प्रमाण पत्र भी है। चुनाव आयोग का कहना है कि 11 मुख्य दस्तावेज में किसी एक आप अगर दिखाते हैं या फिर जमा करते हैं तो आप अपनी पहचान और जन्म की पुष्टि कर सकते हैं। आवसीस प्रमाण पत्र के अतिरिक्त रकारी नौकरी/पेंशन पहचान पत्र, 1 जुलाई 1987 से पहले का कोई प्रमाण पत्र, जन्म प्रमाण पत्र, पासपोर्ट, मैट्रिक/स्कूल सर्टिफिकेट, वन अधिकार प्रमाण पत्र, जाति प्रमाण पत्र, राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर, पारिवारिक रजिस्टर, सरकारी जमीन/मकान आवंटन पत्र।
बिहार वोटर लिस्ट पुनरीक्षण
बिहार में मतदाता सूची का गहन पुनरीक्षण जारी है। सोमवार की शाम तक 2.88 करोड़ (36.47%) गणना प्रपत्र एकत्र हो चुके हैं। इसमें से 1 करोड़ 69 लाख से ज़्यादा लोग फॉर्म भर चुके हैं। चुनाव आयोग की ओर से फॉर्म अपडेट को लेकर पहले से सख्ती कम होने से इसमें तेजी भी आयी है।
बिना डॉक्यूमेंट फॉर्म जमा करेंगे तो क्या होगा
बिहार में मतदाता सूची का गहन पुनरीक्षण को अभी भी लोगों के मन कई प्रकार के सवाल खड़े हो रहे हैं। जैसे कि क्या बिना दस्तावेज के भी फॉर्म भरा जा सकता है? अगर हां, तो नाम लिस्ट में कैसे आएगा? 25 जुलाई तक दस्तावेज न दे पाए तो? और क्या यह काम ऑनलाइन भी किया जा सकता है? इन सवालों पर चुनाव आयोग का कहना है कि अगर आपके पास दस्तावेज नहीं हैं, तब भी आप फॉर्म भरकर ड्राफ्ट वोटर लिस्ट में शामिल हो सकते हैं। इसके बाद ERO (Electoral Registration Officer) आपके इलाके में आएंगे और वे वे आपकी उम्र और पहचान का पता आसपास के लोगों से पूछकर या अन्य साक्ष्यों के आधार पर यह फैसला लेंगे कि आपका नाम फाइनल वोटर लिस्ट में जोड़ दिया जाए या नहीं।
दस्तावेज नहीं दिए तो क्या होगा?
चुनाव आयोग की ओर से जारी निर्देश में कहा गया है कि आपने अगर 25 जुलाई तक फॉर्म भर दिया है। लेकिन किसी कारण से आप अपना दस्तावेज जमा नहीं किए हैं तो इससे परेशान होने की जरूरत नहीं है। आपको 1 अगस्त से 1 सितंबर तक का समय मिलेगा। इस समत अवधि तक में आप अपना दस्तावेज जमा कर सकें। चुनाव आयोग ने इसके साथ ही यह भी स्पष्ट कर दिया है कि दस्तावेज जमा करने की यह छूट उन्हीं लोगों को मिलेगी जिन्होंने 25 जुलाई तक फॉर्म भर दिया हो।