विपक्ष को लगा झटका
सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से विपक्ष को करारा झटका लगा है। विपक्ष चुनाव आयोग के वोटर लिस्ट की समीक्षा वाले कदम पर रोक लगाने की मांग कर रही थी। लेकिन, सुप्रीम कोर्ट ने कानून का हवाला देकर इसपर रोक लगाने से इनकार कर दिया। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग को भी कई निर्देश दिए हैं।समीक्षा पर रोक लगाने से इनकार
बिहार में मतदाता सूची की समीक्षा (विशेष गहन पुनरीक्षण, SIR) पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगाने से इनकार करते हुए कहा कि यह लोकतांत्रिक प्रक्रिया का निर्वहन है। इसके साथ ही कोर्ट ने कहा कि निर्वाचन आयोग एक संवैधानिक संस्था है। इसलिए उसे ऐसा करने से रोका नहीं जा सकता।विपक्ष को झटका
विपक्षी दल सुप्रीम कोर्ट से बिहार में मतदाता सूची की समीक्षा पर पूरी तरह से रोक लगाने की मांग की थी। लेकिन कोर्ट ने विपक्ष की मांग को ठुकरा दिया। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग से यह जरूर कहा है कि पहचान के लिए आधार कार्ड, राशन कार्ड और वोटर आईडी को दस्तावेज के तौर पर स्वीकार किया जाना चाहिए।कानूनी चुनौतियां
सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में तीन प्रमुख सवाल भी खड़े कर दिए। संभवत: इसपर अब बहस होगी। विपक्ष कोर्ट के इस सवाल को आधार बनाकर फिर से फिर से कोर्ट जा सकती है।2 आयोग द्वारा अपनाई गई प्रक्रिया कितनी उचित और पारदर्शी है?
3 विधानसभा चुनाव (नवंबर 2025) से ठीक पहले ऐसा करना कितना उचित है?