आमने सामने हुए पुलिस और प्रदर्शनकारी
बताया जा रहा है कि पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़पें भी हुईं जिसमें भगदड़ मचने से कई लोग घायल हो गए। घटनास्थल पर अतिरिक्त पुलिस बल तैनात कर दिया गया है और भीम आर्मी के 17 कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया गया है। चंद्रशेखर आजाद का कहना है कि वह कौशांबी जिले में 8 साल की बच्ची के साथ हुए कथित दुष्कर्म के मामले में पीड़िता के परिजनों से मिलने जा रहे थे। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रशासन उन्हें राजनीतिक दबाव में रोक रहा है और यह उनके लोकतांत्रिक अधिकारों का उल्लंघन है। प्रशासन का पक्ष है कि जिले में धारा 144 लागू है और सांसद जिस संख्या में लोगों के साथ मौके पर पहुंच रहे थे, उससे कानून व्यवस्था को खतरा हो सकता था। इसलिए उन्हें कौशांबी जाने से रोका गया।
अपनी मांग पर अड़े हैं आजाद
उधर, सर्किट हाउस में रोके जाने के बाद चंद्रशेखर आजाद और उनके समर्थकों ने वहीं धरना शुरू कर दिया। पुलिस अधिकारी उन्हें समझाने की कोशिश कर रहे हैं लेकिन वे अपनी मांगों पर अड़े हुए हैं। उन्होंने सवाल उठाया, “अगर हम एक पीड़िता से भी नहीं मिल सकते तो फिर न्याय की उम्मीद किससे करें?” कौशांबी मामले की जांच प्रतापगढ़ से आई एसआईटी कर रही है और इसकी निगरानी आईजी प्रयागराज कर रहे हैं। इस घटना के बाद राजनीतिक माहौल और अधिक गर्मा गया है और भीम आर्मी समर्थकों में नाराजगी स्पष्ट रूप से देखने को मिल रही है।